Parivartini Ekadashi 2024: परिवर्तिनी एकादशी व्रत आज, इसे करने से मिलते हैं अद्भुत लाभ

Parivartini Ekadashi 2024: आज 14 सितंबर 2024, शनिवार का दिन है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, इसे पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानें इस व्रत को करने से क्या लाभ मिलते हैं

By Shaurya Punj | September 14, 2024 8:55 AM

Parivartini Ekadashi 2024: आज 14 सितंबर 2024 को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जा रहा है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत से मिलने वाला पुण्य किसी अन्य धार्मिक अनुष्ठान से कहीं अधिक होता है.

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परिवर्तिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है ?

13 सितंबर 2024, शुक्रवार की रात 10:30 बजे से लेकर 14 सितंबर, शनिवार की रात 08:41 बजे तक एकादशी का समय रहेगा. इस विशेष अवसर पर 14 सितंबर को एकादशी व्रत रखने का विशेष महत्व है.

परिवर्तिनी एकादशी व्रत के लाभ क्या है ?

पुण्य का खजाना:
कहा जाता है कि जो पुण्य सूर्यग्रहण के समय दान से प्राप्त होता है, उससे कहीं अधिक पुण्य एकादशी व्रत के पालन से मिलता है. यहां तक कि गौ-दान, सुवर्ण-दान और अश्वमेध यज्ञ से भी अधिक पुण्य एकादशी व्रत से प्राप्त होता है.

पितरों की मुक्ति:

इस व्रत को करने से व्यक्ति के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और परिवार पर आशीर्वाद बरसाते हैं, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है.

धन-धान्य की वृद्धि:
एकादशी व्रत करने वालों के घर में धन-धान्य, संतान और कीर्ति में वृद्धि होती है. साथ ही, श्रद्धा और भक्ति में भी बढ़ोतरी होती है, जिससे जीवन रसमय हो जाता है.

भगवान की प्रसन्नता:
भगवान शिव ने नारद मुनि से कहा था कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है. एकादशी के दिन किया गया व्रत और दान अनंत गुना पुण्य प्रदान करता है.

एकादशी के दिन क्या करें:
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ: एकादशी के दिन दीप जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. यदि यह संभव न हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जाप करें. अगर घर में झगड़े होते हों तो झगड़े शांत करने का संकल्प लेकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, जिससे घर में शांति स्थापित होगी.

परिवर्तिनी एकादशी व्रत पर कौन सी सावधानियां रखें ?

चावल का परहेज

धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. वृद्ध, बालक या बीमार व्यक्ति व्रत न रख पाएं तो भी उन्हें चावल छोड़ देना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से एक-एक चावल का पाप एक-एक कीड़ा खाने के बराबर होता है.

एकादशी व्रत न केवल धार्मिक पुण्य प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि यह जीवन में शांति, समृद्धि और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है. इसलिए, 14 सितंबर को एकादशी व्रत का पालन अवश्य करें और इसके अनंत लाभ प्राप्त करें.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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