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Parshuram Jayanti 2020 : कब है परशुराम जयंती, जानें क्या है भगवान परशुराम के पूजा का महत्व

Parshuram Jayanti 2020 : परशुराम को भगवान विष्णु का आवेशावतार कहा जाता है. पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के कारण इनके नाम में राम जुड़ा, जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम कहलाये. शिवजी से उन्हें श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्तोत्र एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त हुए थे.परशुराम शस्त्रविद्या के महान गुरु थे. पितामह भीष्म, गुरु द्रोण व राजा कर्ण को शस्त्रविद्या इन्होने ही प्रदान की थी.उन्होंने एकादश छन्दयुक्त "शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र" भी लिखा था.परशुरामजी का जिक्र रामायण, महाभारत, भागवत पुराण और कल्कि पुराण इत्यादि ग्रन्थों में भी किया गया है. हिंदु धर्म में इन्हे पूज्य माना जाता है और इसलिए परशुराम जंयती का काफी अधिक महत्व है.परशुराम जंयती के दिन भगवान परशुराम की पूजा अर्चना की जाती है जिन्हे भगवान विष्णु का छठा अवतार माना गया है. इन्हे साहस का प्रतिक माना जाता है. आइए जानते हैं परशुराम जंयती 2020 में कब है और भगवान परशुराम के पूजा का हिंदु धर्म में क्या महत्व है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 17, 2020 9:22 AM

Parshuram Jayanti 2020 : परशुराम को भगवान विष्णु का आवेशावतार कहा जाता है. पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के कारण इनके नाम में राम जुड़ा, जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम कहलाये. शिवजी से उन्हें श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्तोत्र एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त हुए थे.परशुराम शस्त्रविद्या के महान गुरु थे. पितामह भीष्म, गुरु द्रोण व राजा कर्ण को शस्त्रविद्या इन्होने ही प्रदान की थी.उन्होंने एकादश छन्दयुक्त “शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र” भी लिखा था.परशुरामजी का जिक्र रामायण, महाभारत, भागवत पुराण और कल्कि पुराण इत्यादि ग्रन्थों में भी किया गया है. हिंदु धर्म में इन्हे पूज्य माना जाता है और इसलिए परशुराम जंयती का काफी अधिक महत्व है.परशुराम जंयती के दिन भगवान परशुराम की पूजा अर्चना की जाती है जिन्हे भगवान विष्णु का छठा अवतार माना गया है. इन्हे साहस का प्रतिक माना जाता है. आइए जानते हैं परशुराम जंयती 2020 में कब है और भगवान परशुराम के पूजा का हिंदु धर्म में क्या महत्व है.

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Parshuram Jayanti 2020 Date :

परशुराम जयंती तृतीया तिथि प्रारम्भ होने के दिन है. इस साल 2020 में 25 अप्रैल ( शनिवार) को तृतीया तिथि प्रारम्भ हो रही है.इसी दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाएगी.

परशुराम जंयती 2020 शुभ मुहूर्त (Parshuram Jayanti 2020 Shubh Muhurat) :

तृतीया तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 25, 2020 ( शनिवार) को सुबह 11 बजकर 51 मिनट से ( 25 अप्रैल 2020)

तृतीया तिथि समाप्त – अगले दिन दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक (26 अप्रैल 2020)

भगवान परशुराम के पूजा का हिंदु धर्म में महत्व :

भगवान परशुराम को साहस का प्रतीक माना जाता है. इसलिए माना जाता है कि इनकी पूजा करने से साहस में वृद्धि होती है और भय से मुक्ति मिलती है.कथाओं के अनुसार, परशुराम के कठिन तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें कल्प से अंत तक तपस्यारत भूलोक पर रहने का वर दिया था. उन्हे चिरंजीवी माना जाता है. उन्हें राम और कृष्ण दोनो काल में देखा जा सकता है. भगवान परशुराम ने ही भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र उपलब्ध कराया था.

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