Paush Kalashtami 2024:  साल 2024 का आखिरी कालाष्टमी कल, यहां से जानें लें पूजा का मुहूर्त

Paush Kalashtami 2024: सनातन धर्म के अनुसार, प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत का आयोजन किया जाता है. इस विशेष दिन बाबा कालभैरव की आराधना की जाती है. अतः इसे भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी 22 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी.

By Shaurya Punj | December 21, 2024 9:40 AM
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Paush Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. प्रत्येक माह में केवल एक बार यह व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान रुद्र के अवतार काल भैरव की आराधना की जाती है. काल भैरव तंत्र और मंत्र के देवता माने जाते हैं. इनकी पूजा से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. व्यक्ति को हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्ति मिल सकती है. वर्तमान में पौष का महीना चल रहा है. आइए जानते हैं कि पौष मासिक कालाष्टमी कब है? मासिक कालाष्टमी पूजा का मुहूर्त क्या हैं?

कालाष्टमी दिसंबर 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर प्रारंभ होगी और 23 दिसंबर 2024 को शाम 05 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन सायंकाल में भैरव बाबा की पूजा का आयोजन किया जाता है. अतः कालाष्टमी 22 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और आयुष्मान योग के अंतर्गत कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा.

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कालाष्टमी के दिन कालभैरव बाबा की पूजा का महत्व

कालाष्टमी व्रत के अवसर पर कालभैरव बाबा की पूजा का विशेष महत्व है. कालभैरव को नकारात्मक शक्तियों और दुष्ट आत्माओं का संहारक माना जाता है. इस दिन उनकी आराधना करने से इन शक्तियों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं. कालभैरव को शत्रुओं का विनाशक भी माना जाता है. उनकी पूजा से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति का अनुभव होता है. कालभैरव की आराधना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालभैरव की पूजा से ग्रह दोषों से मुक्ति संभव है. इसके अलावा, कालभैरव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय भी टल जाता है.

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