Paush Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर इस शुभ योग में करें पूजा

Paush Kalashtami 2024: पौष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पौष कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जो काल भैरव को समर्पित है. उनकी पूजा करने से व्यक्तियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है. इसके साथ ही, यह कष्टों से मुक्ति भी प्रदान करता है.

By Shaurya Punj | December 22, 2024 7:10 AM

Paush Kalashtami 2024: कालाष्टमी हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान भैरव को समर्पित है. यह पर्व हर महीने आने के कारण एक वर्ष में कुल 12 बार, और अधिक मास की स्थिति में 13 बार मनाया जाता है. काल भैरव की पूजा के कारण इसे काल भैरव अष्टमी या भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है.

पौष कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष की अंतिम कालाष्टमी पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 दिसंबर को अपराह्न 2:31 बजे से प्रारंभ होगी, जिसका समापन 23 दिसंबर को सायं 5:07 बजे होगा. निशिता मुहूर्त के अनुसार, 22 दिसंबर को कालाष्टमी व्रत का आयोजन किया जाएगा.

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पौष कालाष्टमी का शुभ योग

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन चार विशेष शुभ योग बन रहे हैं. इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग, आयुष्मान योग और सौभाग्य योग शामिल हैं. इन शुभ योगों में पूजा करने से जातकों को तीन गुना अधिक फल की प्राप्ति होगी.

पौष कालाष्टमी पर स्नान और व्रत का महत्व

सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और स्वच्छ वस्त्र धारण करना आवश्यक है. इसके बाद एकांत में शिवलिंग की पूजा के लिए संकल्प लें. पूरे दिन व्रत का पालन करें और रात को पूजा के समय के निकट आने पर आवश्यक तैयारी करें.

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पौष कालाष्टमी पर शिवलिंग की पूजा

इस विशेष दिन पर शिवलिंग की पूजा का महत्व है. शिवलिंग पर बेलपत्र, शहद, दूध, दही, गंगाजल, और चंदन अर्पित करें. साथ ही, शिव जी का मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जाप करना न भूलें.

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