Paush Pradosh Vrat 2024: पौष मास में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह व्रत भगवान शिव की पूजा और आराधना से संबंधित है. वर्ष 2024 में पौष माह में अंतिम प्रदोष व्रत आज 28 दिसंबर को रखा जा रहा है. प्रदोष व्रत हर महीने दो बार आयोजित किया जाता है, एक बार त्रयोदशी तिथि पर सूर्योदय से पूर्व और दूसरी बार सूर्यास्त के समय. पौष माह में यह व्रत विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए लाभकारी होता है. इसलिए सही तिथि और व्रत करने की विधि को जानना आवश्यक है.
शनि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
भगवान शिव की आराधना के लिए 28 दिसंबर को पूजा का समय शाम 5:33 बजे से लेकर रात 8:17 बजे तक निर्धारित किया गया है. इस अवधि में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
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प्रदोष व्रत पूजा की विधि
- इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- इसके बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें.
- फिर एक चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें.
- महादेव को फूल, बेलपत्र और अन्य आवश्यक सामग्री अर्पित करें.
- मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए.
- इसके बाद घी का दीप जलाकर आरती और शिव चालीसा का पाठ करें.
- महादेव से जीवन में सुख और समृद्धि की प्रार्थना करें.
- फिर मिठाई, दही, भांग, पंचामृत, शहद और दूध आदि का भोग अर्पित करें.
- प्रदोष काल में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करना न भूलें.
- पूजा के उपरांत अन्न, धन और वस्त्र का दान करें.