Paush Purnima 2021: कल 28 जनवरी दिन गुरुवार को पौष पूर्णिमा है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. पौष महीने की पूर्णिमा मोक्ष देती है. मोक्ष की कामना रखने वाले लोगों के लिए ये दिन बहुत ही खास माना जाता है. मान्यता है कि पूरे महीने ध्यान और पूजा-पाठ से जो आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, उसकी पूर्णता पौष पूर्णिमा के स्नान से हो जाती है. इस दिन काशी, प्रयाग और हरिद्वार में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दिन शाकंभरी जयंती मनाई जाती है. वहीं, छत्तीसगढ़ के गांवों में रहने वाली जनजातियां पौष पूर्णिमा के दिन छेरता पर्व मनाती है. आइए जानते है पौष पूर्णिमा से जुड़ी पूरी जानकारी…
इस बार पूर्णिमा तिथि 27 जनवरी दिन बुधवार की रात तकरीबन 1 बजकर 30 मिनट से ही शुरू हो रही है. इसके बाद 28 जनवरी की रात 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. तिथि के अनुसार, स्नान, पूजन और दान के लिए 28 जनवरी को ही पुण्यकाल माना जाएगा. इस दिन स्नान-दान के लिए शुभ समय सुबह सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा.
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पौष माह की पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठना चाहिए.
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इसके बाद तीर्थ या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.
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अगर ऐसा संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए.
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इसके बाद पूरे दिन व्रत और दान का संकल्प लेना चाहिए.
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फिर किसी तीर्थ पर जाकर नदी की पूजा करनी चाहिए.
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पौष पूर्णिमा को माघ स्नान का संकल्प ले लेना चाहिए.
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तीर्थ स्नान के दौरान संकल्प करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए.
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इसके साथ ही संभव हो तो एक समय भोजन का व्रत भी करना चाहिए.
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जिस प्रकार पौष मास में तीर्थ स्नान का बहुत महत्व है, उसी प्रकार माघ में भी स्नान और दान का भी विशेष महत्व होता है.
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माघ में दान में तिल, गुड़ और कंबल या ऊनी वस्त्र दान देने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
पौष महीने की पूर्णिमा पर 3 बड़े शुभ योग बन रहे हैं. इनमें सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और गुरु पुष्य योग बन रहे हैं. इन शुभ योगों में खरीदारी और बड़े कामों की शुरुआत करने से सफलता मिलती है. इस दिन प्रॉपर्टी खरीदी और रियल एस्टेट में निवेश के लिए विशेष मुहूर्त है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha