Astrology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर उसके भविष्य के बारे में जाना जा सकता है. कुंडली में कई तरह के योगों का निर्माण होता है, जिनका जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इन्हीं योगों में से एक है महाभाग्य राजयोग. इस राजयोग का निर्माण स्त्री और पुरुष की कुंडली में अलग-अलग तरीके से होता है. महाभाग्य योग कैसे बनता है और इससे लाभ क्या होता है.
यदि किसी स्त्री की कुंडली में सूर्य, चंद्रमा और लग्न में सम राशि यानी वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन में स्थित हैं, तो महाभाग्य राजयोग का निर्माण होता है, इस योग के प्रभाव से स्त्री बचपन से ही भाग्यशाली होती है. उसे अपने जीवन में हर एक सुख-सुविधा प्राप्त होती है. समाज में मान-सम्मान पाती है. अपने काम और लगन से हर क्षेत्र में सफलता पाती है. इसके साथ ही जिस घर में उसके पैर पड़ते हैं, वहां के भी भाग्य जाग जाते हैं.
यदि किसी पुरुष की कुंडली में सूर्य, चंद्रमा विषम राशि यानी मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ में स्थित हैं और लग्न में भी विषम राशि है, तो महाभाग्य राजयोग का निर्माण होता है. इस योग के प्रभाव से पुरुष बचपन से ही महाभाग्य योग का साथ मिलता है. अगर जातक का जन्म सामान्य परिवार में हुआ है, तो आगे चलकर वह अपने परिवार का नाम रोशन करता है. इसके साथ ही खूब धन, पद-प्रतिष्ठा कमाता है. अपने सूझ-बूझ से हर क्षेत्र में सफलता पाता है. उस जातक का अपने मन और शरीर पर पूरा नियंत्रण होता है. ऐसे में वह हर एक कार्य को बहुत ही समझदारी के साथ करता है, इसी के कारण उसकी एक अलग पहचान होती है.
महाभाग्य राजयोग एक बहुत ही शुभ योग है. यदि किसी जातक की कुंडली में महाभाग्य राजयोग बनता है, तो समझ लें कि उसे भाग्य का पूरा साथ मिलता है, जिस जातक की कुंडली में यह योग बनता है, उसे जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. उसे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह कभी भी पैसों की कमी नहीं झेलता है. वह उच्च पदों को प्राप्त करता है और सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन जीता है. वह अपने परिवार को खुश रखने की हर कोशिश करता है और अपनी मेहनत और भाग्य के बल से हर नामुमकिन चीज को भी मुमकिन बना देता है.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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