Dhanteras 2023: यम का दीपक क्यों जलाया जाता है? जानें धनतेरस के दिन दीपदान और पूजन का शुभ मुहूर्त
Dhanteras Puja Muhurat 2023: धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजन के साथ यमराज की पूजा करने का विधान है, इस दिन शाम के समय दक्षिण दिशा में एक चौमुखा दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहते हैं. यम मृत्यु और न्याय के देवता हैं. यम यमलोक में कानून बनाने और पापियों को दंडित करते हैं.
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धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजा की जाती है, इस दिन प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का प्रचलन है. रात के समय इस दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलायी जाती हैं. इस दीपक को दक्षिण दिशा में रखा जाता है. दक्षिण दिशा के स्वामी यम हैं और इस दिन उनके नाम से दीपक जलाकर घर में सुख-शांति और आरोग्य की कामना की जाती है.
ज्योतिषाचार्य अम्बरीश मिश्र के अनुसार इस बार त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को है. धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी, इसी दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर की पूजा करने के बाद यम का दीपक जलाया जाएगा. आइए जानते हैं कि यम का दीपक क्यों जलाया जाता है और जलाने के लिए सही समय कब है.
धनतेरस का दिन खरीदारी, दीपदान व पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट से शाम 07 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटा 56 मिनट है। प्रदोष काल 05 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक है. वहीं इस दिन वृषभ काल 05 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक है. प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान है.
धनतेरस के दिन आटे का चौमुखा दीपक बनाएं या मिट्टी के दीपक के चारों ओर बाती रखें और उसमें सरसों का तेल भरें, इसके बाद इस दीपक को घर की दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाएं, इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें.
मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और खूब धन-संपत्ति देती हैं. ये उपाय व्यक्ति को तेजी से धनवान बनाता है, इसके साथ ही ऐसे घर में मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है.
सरसों या तील के तेल से दीया जलाना चाहिए. सरसों के तेल का दीपक शनि ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करके लाभ पहुंचाता है. यह भी माना जाता है कि यह घर से बीमारियों को दूर रखता है.