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Pitru Paksha 2021 : 21 सितंबर से शुरू होगा पितृ पक्ष, जानें प्रमुख तिथियां और श्राद्ध से जुड़ी खास बातें

Pitru Paksha 2021 : हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है. हर साल पितृ पक्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और अमावस्या तिथि तक रहता है. शास्त्रों में श्राद्ध को पितरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने वाला बताया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2021 2:56 PM

Pitru Paksha 2021 : हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है. हर साल पितृ पक्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और अमावस्या तिथि तक रहता है. शास्त्रों में श्राद्ध को पितरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने वाला बताया गया है. पुराणों के अनुसार यमराज पितरों को इन 15 दिन के लिए आजाद कर देते हैं, ताकि वो अपने परिजनों से श्राद्ध का अन्न और जल ग्रहण कर तृप्त हो सकें.

इस वर्ष पितृ पूजन 20 सितंबर से शुरू होकर 06 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा. मृत्यु के बाद समय-समय पर अपने पूर्वजों को याद करने के लिए श्राद्ध किया जाता है. इस खास दिन पर दान करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि अगर श्राद्ध न किया जाए तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है. पितृ पक्ष में नियमित रूप से दान-पुण्य करने से कुंडली में पितृ दोष दूर हो जाता है.

श्राद्ध की प्रमुख तिथियां

  • प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर दिन मंगलवार

  • षष्ठी श्राद्ध – 27 सितंबर दिन सोमवार

  • नवमी श्राद्ध – 30 सितंबर दिन गुरुवार

  • एकादशी श्राद्ध – 2 अक्टूबर दिन शनिवार

  • चतुर्दशी श्राद्ध – 5 अक्टूबर दिन मंगलवार

  • पितृ अमावस्या का श्राद्ध – 6 अक्टूबर बुधवार

भाद्र पूर्णिमा का महत्व

भाद्र पूर्णिमा 20 सितंबर 2021 को होगी. इस दिन सबसे पहला तपर्ण दिया जाएगा. इस दिन को ऋषि पूर्णिमा के नाम से जाता है. इस दिन को (मं‍त्रदृष्टा) ऋषि मुनि अगस्त्य को तर्पण किया जाता है. इन्होंने ऋषियों की रक्षा के लिए एक को समुद्र पी लिया था और दो असुरों को खा गए थे. इसलिए भाद्र पूर्णिमा के दिन सम्मान के रूप में अगस्त्य मुनि का तर्पण किया जाता है और इसके बाद से पितृ पक्ष का आरंभ हो जाता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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