Pitru Paksha 2024: आज 18 सितंबर 2024 से प्रारंभ हो रहे पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण एवं श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दौरान किए गए पितरों के निमित्त तर्पण से पितृ देव संतुष्ट होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इसके नियम और विधि
पितृ पक्ष विधि
तिथि का चयन: पितृ पक्ष में, अपने पूर्वजों की तिथि और नाम को ध्यान में रखकर अनुष्ठान करें.
स्नान और शुद्धि: अनुष्ठान से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें.
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घर में एक स्वच्छ स्थान पर वेदी स्थापित करें.
पितरों की फोटो या शुद्ध मिट्टी के पुतले रखें.
जो भी भोजन बनाएं, उसे सीधे पितरों के नाम पर अर्पित करें और उन्हें याद करें.
पितृ पक्ष के दौरान, ब्राह्मणों को दान देने की भी परंपरा है.
पिंडदान का विशेष महत्व है. इसमें चावल और तिल के पिंड बनाकर उन्हें जल में प्रवाहित किया जाता है.
अपने पितरों के लिए प्रार्थना करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना करें.
जानें पितृ पक्ष में श्राद्ध कि तिथियां
17 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध, 18 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध, 19 सितंबर द्वितीया श्राद्ध, 20 सितंबर तृतीया श्राद्ध, 21 सितंबर चतुर्थी श्राद्ध, 22 सितंबर पंचमी श्राद्ध, 23 सितंबर पष्ठी श्राद्ध, 24 सितंबर सप्तमी श्राद्ध, 25 सितंबर अष्टमी श्राद्ध, 26 सितंबर मातृ नवमी श्राद्ध, 27 सितंबर दशमी श्राद्ध, 28 सितंबर एकादशी श्राद्ध, 29 सितंबर द्वादशी श्राद्ध, 30 सितंवर त्रयोदशी श्राद्ध, एक अक्तूबर चतुर्दशी श्रद्ध और दो अक्तूबर को अमावस्या श्राद्ध कर्म होगा.