Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है.16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पितरों को याद किया जाता है. पितरों की आत्मा की तृप्ती के लिए पिंडदान, तर्पण कर्म आदि किया जाता है. 16 दिनों में यमराज पितरों की आत्मा को धरती पर वंशजों के पास भेजते हैं, ताकि वे अपने वंशजों से मिल सकें और अन्न और जल से तृप्त होकर वापस लौट आए इस बार पितृ पक्ष मे कई शुभ योग बन रहे है.
जो बहुत शुभ है़. इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ रवि योग, अमृत सिद्धि योग, आदिशुभ संयोग में पितरों का श्राद्ध करने से शुभ कार्यों में प्रगति होती है. इतना ही नहीं, वंशवृद्धि और घर परिवार में शांति बनी रहती है. साथ ही, इस दौरान किया गया पिंडदान और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
सर्वार्थ सिद्धि योग
पितृपक्ष की 21, 23, 24, 27 और 30 सितंबर और 6 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है़ यह योग एक बहुत ही शुभ योग है. सभी इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है. इस योग कोई भी कार्य सफल होता है. कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है तो आप इस योग में कार्य कर सकते हैं. बहुत ही पुण्य योग है़.
रवि योग
26 सितंबर और 27 सितंबर को पितृपक्ष के दौरान रवि योग बन रहा है. रवि योग को सूर्य का पूर्ण दृष्टी प्राप्त होता है, जिस यह ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है. यह योग सूर्य की ऊर्जा से भरपूर होता है. इस योग में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं. कहते हैं कि इसमें लगभग सभी दोषों का नाश होता है. पितृपक्ष के दौरान रवि योग का पड़ना अत्यंत शुभ माना जाता है़.
अमृत सिद्धि योग
श्राद्ध पक्ष के दौरान 27 सितंबर और 30 सितंबर को अमृत सिद्धि योग बन रहा है. इस योग को शुभ माना गया है. कहते हैं कि ये योग नक्षत्र और वार के संयोग से बनता है. किसी भी कार्य को सफलता को पूरा करने के लिए महत्पूर्ण योग है. हर तरह के मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त के लिए भी ये संयोग बहुत महत्वपूर्ण है. इस योग में किए जाने वाले काम का फल व्यक्ति को अमृत के समान प्राप्त होता है. शुभता का प्रतीक होता है अमृत सिद्धि योग.
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
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