महाकुंभ में प्रधानमंत्री ने लगाई आस्था की डुबकी, जानें आज 5 फरवरी का क्या है धार्मिक महत्व

PM Modi Mahakumbh Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज के महाकुंभ में पहुंच चुके हैं. उन्होंने संगम में स्नान किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके साथ उपस्थित हैं. प्रधानमंत्री लगभग ढाई घंटे तक प्रयागराज में रहेंगे. पीएम मोदी ने मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे महत्वपूर्ण अमृत स्नान के अवसरों के बजाय 5 फरवरी का दिन चुना है. आइए जानते हैं कि 5 फरवरी 2025 का धार्मिक महत्व क्या है.

By Shaurya Punj | February 5, 2025 11:41 AM

PM Modi Mahakumbh Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ मेले के अवसर पर संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान वे रुदाक्ष की माला से जाप करते हुए दिखाई दिए.उन्होंने वोट के माध्यम से महाकुंभ मेले का अवलोकन किया. त्रिवेणी संगम की धारा में उन्होंने डुबकी लगाई और अपनी स्थिति पर खड़े होकर परिक्रमा भी की. पीएम मोदी ने मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे महत्वपूर्ण अमृत स्नान के दिनों के बजाय 5 फरवरी का दिन चुना. आइए जानते हैं कि आज 5 फरवरी 2025 का धार्मिक महत्व क्या है

आज 5 फरवरी का धार्मिक महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन तप, ध्यान और साधना को विशेष फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन जो लोग तप, ध्यान और स्नान करते हैं, उनके सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. इसके अतिरिक्त, यह दिन भीष्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के समय भीष्म पितामह ने बाणों की शय्या पर लेटे हुए सूर्य के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी. माघ मास की अष्टमी तिथि पर उन्होंने श्रीकृष्ण की उपस्थिति में अपने प्राणों का त्याग किया, जिसके फलस्वरूप उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई.

PM Narendra Modi in Mahakumbh : पीएम मोदी ने संगम में डुबकी लगाई, प्रयागराज में लगे मोदी-मोदी के नारे

पीएम मोदी के आगमन से श्रद्धालुओं में उत्साह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर स्थानीय लोग और महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु अत्यंत उत्साहित हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से सनातन धर्म को एक नई पहचान प्राप्त हुई है. श्रद्धालुओं ने कहा कि पहले लोग इतनी जागरूकता नहीं रखते थे, लेकिन अब उनमें आस्था और जागरूकता में वृद्धि हुई है.

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