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Pradosh Vrat 2024: आसाढ़ मास का पहला प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Pradosh Vrat 2024: त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. यह व्रत हर माह में 2 बार किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत पर ईश्वर की भक्ति से सच्चे मन से की गई पूजा से भक्त की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं.

By Kajal Kumari | June 23, 2024 11:38 AM

Pradosh Vrat 2024: साल के प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. हर महीने, कृष्ण और शुक्ल पक्ष की इस विशेष तिथि पर भगवान महादेव की विशेष पूजा की जाती है. इस अवसर पर प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है शुभ फल की कामना में. इस विशेष मान्यता के अनुसार, भगवान महादेव की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवनसाथी का भी मिलना संभव होता है. इस आषाढ़ मास की शुरुआत, 23 जून से, बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और इसी अवसर पर पहले प्रदोष व्रत की तारीख, शुभ मुहूर्त, और पूजा की विधि के बारे में जानकारी भी महत्वपूर्ण है.

प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त : वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 03 जुलाई को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी और 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी. इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रदोष व्रत का आयोजन 03 जुलाई को किया जाएगा, जिसमें भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी.

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प्रदोष व्रत पूजा विधि

• प्रदोष व्रत के दिन बेहद शुभ माना जाता है, इसलिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.

• साफ सुथरे वस्त्र पहनकर सूर्य देव को जल अर्पण करें.

• मंदिर में लाल कपड़े की चौकी पर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को स्थापित कर, व्रत का संकल्प लें.

• शिवलिंग पर शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें.

• कनेर के फूल, बेलपत्र और भांग को भी अर्पित करें.

• इसके बाद, देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और शिव मंत्रों का जप करें.

• शिव चालीसा का पाठ विधिपूर्वक करें, जो बहुत ही फलदायी होता है.

• भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग अर्पित करें.

• समाप्त में, प्रसाद को लोगों में वितरित करें, जिससे सभी को व्रत की महिमा और भगवान की कृपा का आनंद मिले.

इन मंत्रों का जप करें:

शिव गायत्री मंत्र: आप अपनी सभी समस्याओं के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं: “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.” इस मंत्र के जाप से आपको मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त हो सकती है.

शिव आरोग्य मंत्र: अपने स्वास्थ्य के लिए शिव आरोग्य मंत्र का प्रयोग करें: “माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा. आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते.” इस मंत्र के द्वारा आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रह सकता है.

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