Pradosh Vrat 2024 Date: प्रदोष व्रत करने पर व्यक्ति के जीवन से सभी परेशानिया दूर हो जाती है. प्रदोष व्रत हर माह में दो बार आता है, इस तरह से साल में कुछ 24 बार प्रदोष व्रत करने का मौका मिलता है. प्रदोष व्रत को बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को जो भी लोग करते हैं, उस व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है. इसके साथ ही शिवजी और माता पार्वती उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी करते है. आइए जानते है वैशाख कृष्ण प्रदोष व्रत कब है और इस दिन पूजा करने का शुभ समय क्या है.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
मई का पहला प्रदोष व्रत माह के पांचवें दिन यानी कि 5 मई को होगा, इस दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी, इसी दिन शाम पांच बजकर 41 मिनट से प्रदोष व्रत शुरू हो जाएगा. ये तिथि अगले दिन तक जारी रहेगी. त्रयोदशी तिथि का समापन 6 मई 2024 की दोपहर को दो बजकर 40 मिनट पर होगा, इसके हिसाब से प्रदोष व्रत 5 मई को रखना शुभ माना जा रहा है. क्योंकि प्रदोष व्रत की पूजा त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में की जाती है.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं. अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें. शाम के समय फिर से स्नान करके फिर शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें. इसके बाद दीपक जलाएं. फिर शिव जी की आरती करें और प्रदोष व्रत की कथा सुनें.
प्रदोष व्रत के दिन पारण कब करना चाहिए?
प्रदोष व्रत के दिन प्रात:काल में स्नान करने के पश्चात भगवान शिव का षोडषोपचार पूजन करना चाहिए, इसके बाद दिन में केवल फलाहार ग्रहण कर प्रदोषकाल में भगवान शिव का अभिषेक करें और पूजन करके व्रत का पारण करना चाहिए.
प्रदोष व्रत के दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन भगवान शंकर की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान शंकर की उपासना करने से जीवन के दुखों का अंत होता है. इसके साथ ही सभी कार्यों में सफलता मिलती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी और नारियल का पानी बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए. प्रदोष व्रत वाले दिन महिलाओं को शिवलिंग को नहीं छूना चाहिए.
प्रदोष व्रत का पौराणिक महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत रखने वाले को थोड़े कठिन नियमों का पालन करना चाहिए. प्रदोष व्रत रखने वालों को भगवान शिव सुख और सेहत के साथ समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस दिन यदि विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सुख, शांति और समृद्धि मिलती हैं.
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