Pradosh Vrat 2021 September: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता है. एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में. प्रदोष व्रत साल में कुल 24 पड़ते हैं. इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है.
सितंबर महीने में पड़ने वाला पहला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत होगा. शनि प्रदोष व्रत 4 सितंबर 2021 दिन शनिवार को है. शनिवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक रहता है.
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सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहन लें.
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. अगर संभव है तो व्रत करें.
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भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें.
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भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें.
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इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें.
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भगवान शिव को सिर्फ सात्विक चीजोंभोग लगाएं.
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भगवान शिव की आरती करें।
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इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.
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शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इस दिन शनि चालीसा के साथ-साथ शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. शनि प्रदोष व्रत वाले दिन तेल में अपना चेहरा देखकर डाकोत को तेल का दान करें. ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता है प्रदोष व्रत के करने से जीवन में हर तरह के सुख की प्राप्ति होती है और संतान प्राप्ति में आ रही बाधा भी दूर होती है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha