Premanand Ji Maharaj: आजकल सोशल मीडिया पर संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन अत्यधिक लोकप्रिय हो रहे हैं. स्वामी प्रेमानंद महाराज राधा रानी के परम भक्त हैं. इसके अतिरिक्त, वह सत्संग के माध्यम से लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और जीवन जीने की कला का प्रशिक्षण देते हैं. 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो चुका है. इस नौ दिवसीय पर्व में माता के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है. इसके साथ ही, कई भक्त माता को प्रसन्न करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए व्रत भी रखते हैं.
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व्रत के दौरान फल खाना चाहिए या नहीं ?
प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के सत्संग के वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहते हैं. हाल ही में, प्रेमानंद महाराज का एक नया वीडियो भी इसी क्रम में वायरल हुआ है, जिसमें वह व्रत के दौरान खाने-पीने के विषय में जानकारी प्रदान कर रहे हैं. उनके अनुसार, व्रत के समय फलाहार करना आवश्यक है, यह तो सभी जानते हैं. लेकिन, फलाहार को किस प्रकार और कितनी मात्रा में लेना चाहिए, इस पर जानकारी कम है. इसके अतिरिक्त, कुट्टू, सिंघारा और समा के चावल को फलाहारी भोजन के रूप में लेना उचित नहीं है, क्योंकि ये महंगे होते हैं और त्याग का प्रतीक नहीं माने जाते हैं.
प्रेमानंद महाराज ने कहा व्रत में इन चीजों का नहीं करें उपयोग
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जो लोग दिन में कई बार भोजन करते हैं या अन्य वस्तुएं ग्रहण करते हैं, उनका व्रत टूट जाता है. इसके साथ ही उन्हें भगवत मार्ग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. महाराज जी ने यह भी कहा कि व्रत के दिन प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, किसी भी व्यक्ति को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए और दिन में सोना भी नहीं चाहिए. ऐसा करने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है.