प्रेमानंद महाराज ने बताया बद्दुआ से कैसे बचें, जानें उपाय

Premanand Maharaj: हमें किसी भी व्यक्ति को दुःख पहुंचाने से बचना चाहिए. प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि जब किसी की आह निकलती है, तो उसका परिणाम हमें भुगतना पड़ता है. उन्होंने कहा कि किसी के दिल से निकली हुई बद्दुआ व्यर्थ नहीं जाती और इसे सहन करना आवश्यक होता है.

By Shaurya Punj | January 6, 2025 4:00 PM

Premanand Maharaj Tells About Curse: बद्दुआ एक ऐसा श्राप है जिससे हर व्यक्ति भयभीत रहता है. प्राचीन काल से यह देखा गया है कि बद्दुआ किसी भी व्यक्ति के जीवन को नष्ट कर सकती है. इसलिए यह आवश्यक है कि हम हमेशा यह सुनिश्चित करें कि हमारे कार्यों से किसी को भी दुख न पहुंचे, क्योंकि किसी के दिल को ठेस पहुंचाने पर उसके मुंह से निकली हुई आह आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है. बद्दुआ के कारण कई बार समृद्ध व्यक्ति को भी दरिद्रता का सामना करना पड़ता है.

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बद्दुआ के संदर्भ में प्रेमानंद जी महाराज ने भीष्म पितामह का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि उन्होंने तीर की नोक से एक सांप को मारकर उसे कांटों पर डाल दिया था. इसके परिणामस्वरूप, वह सांप कई दिनों तक उन कांटों पर तड़पता रहा और अंततः मर गया. इसी समय उसकी आह निकली थी, और उसी आह के प्रभाव से भीष्म पितामह को छह महीने तक बाणों की शैय्या पर तड़पना पड़ा था.

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प्रेमानंद जी ने बद्दुआ से बचने के उपाय बताए

प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि मनुष्य भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में मन लगाकर अपने द्वारा किए गए पापों और गलतियों का पश्चाताप करके सभी ऋणों से मुक्त हो सकता है. इसके अतिरिक्त, व्यक्ति के पास इससे बचने का कोई अन्य उपाय नहीं है.

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