Pushya Nakshatra: पुष्य नक्षत्र में इसलिए शादियां हैं वर्जित, पर अन्य कार्यों के लिए है ये शुभ

Pushya Nakshatra: शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र के संबंध में कहा गया है, "सर्वसिद्धिकर: पुष्य:". इस वचन का अर्थ है कि पुष्य नक्षत्र सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला होता है. इस समय में विवाह जैसे कार्य करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है.

By Shaurya Punj | September 26, 2024 11:50 AM

Pushya Nakshatra: ‘शिव पुराण’ के अनुसार, पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विशेष विभूति माना गया है. यह नक्षत्र अपनी दिव्य शक्ति के कारण अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोषों को समाप्त करने की क्षमता रखता है. इस विशेष नक्षत्र के प्रभाव से अनेक प्रकार के नकारात्मक दोष भी समाप्त हो जाते हैं और वे व्यक्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न कर देते हैं. शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र के संबंध में कहा गया है, “सर्वसिद्धिकर: पुष्य:”. इस वचन का अर्थ है कि पुष्य नक्षत्र सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला होता है.

पुष्य नक्षत्र में किए गए कर्म, विशेष रूप से श्राद्ध, अत्यधिक फलदायी होते हैं. इस नक्षत्र में श्राद्ध करने से पितरों को अक्षय तृप्ति प्राप्त होती है और श्राद्धकर्ता को धन, संतान, और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसलिए, यह समय उन व्यक्तियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है जो अपने पितरों के प्रति सम्मान और श्राद्ध भाव रखते हैं. पितरों की तृप्ति के साथ-साथ यह नक्षत्र उन्हें भी आशीर्वाद देता है जो श्राद्ध कार्य करते हैं.

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इसके अतिरिक्त, इस योग में किए गए जप, ध्यान, दान, और पुण्य कार्य भी महाफलदायी होते हैं. इस समय में किए गए किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पुण्य कर्म का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. इसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुभ फलों के रूप में दिखाई देता है.

हालांकि, ‘शिव पुराण’ के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में विवाह या उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. यह नक्षत्र विशुद्ध रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक कर्मों के लिए ही उपयुक्त माना गया है. इस समय में विवाह जैसे कार्य करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है. ‘शिव पुराण’ के विद्येश्वर संहिता के अध्याय 10 में यह भी उल्लेख है कि पुष्य नक्षत्र भगवान शिव की विशेष कृपा का समय है, जिसमें भक्ति और श्रद्धा से किए गए कार्य जीवन को समृद्धि और शांति की ओर ले जाते हैं.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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