Putrada Ekadashi 2021: आज है पुत्रदा एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और व्रत नियम
Sawan Putrada Ekadashi 2021 : इस समय सावन मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. वहीं, साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं. सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.
Sawan Putrada Ekadashi 2021 : इस समय सावन मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. वहीं, साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं. सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.
इस वर्ष श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी 18 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रही है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं. एकादशी तिथि विष्णु भगवान को अतिप्रिय होती है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व…
तिथि और शुभ मुहूर्त
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एकादशी तिथि प्रारम्भ 18 अगस्त दिन बुधवार सुबह 03 बजकर 20 मिनट पर
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एकादशी तिथि समाप्त 18 अगस्त दिन बुधवार की देर रात 01 बजकर 05 मिनट पर
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पारण (व्रत तोड़ने का समय) 19 अगस्त दिन गुरुवार की सुबह 06 बजकर 32 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
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ब्रह्म मुहूर्त 18 अगस्त की सुबह 04 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 08 मिनट पर
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अभिजित मुहूर्त- कोई नहीं
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विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट पर
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गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 08 मिनट पर
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अमृत काल शाम 06 बजकर 07 मिनट से 07 बजकर 37 मिनट पर
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निशिता मुहूर्त 18 अगस्त की रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
एकादशी व्रत पूजा-विधि
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सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.
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भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.
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अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
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भगवान की आरती करें.
श्रावण पुत्रदा एकादशी पर भूलकर न करें ये काम
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सावन पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन व्रती को भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए. इस दिन जुआ खेलने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है.
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पुत्रदा एकादशी व्रत में व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की पूजा, मंत्र जाप और उनकी भक्ति में गुजारनी चाहिए. इस रात भूलकर भी सोना नहीं चाहिए.
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एकादशी व्रत के दिन व्रती को चोरी नहीं करनी चाहिए. इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों तक पाप लगता है.
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पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत के दौरान खान-पान और व्यवहार में संयम बरतना चाहिए. इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.
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इस दिन व्रती को क्रोध व झूठ बोलना चाहिए.
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श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन प्रातः काल उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए.
Posted by: Radheshyam Kushwaha