Raksha Bandhan 2020: भारत के राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है रक्षाबंधन, जानिए कहां किस रूप में मनाते है यह पर्व…
Raksha Bandhan 2020: रक्षाबंधन का त्योहार अगले महीने 03 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इसे आमतौर पर भाई-बहनों का पर्व मानते हैं लेकिन, अलग-अलग स्थानों एवं लोक परम्परा के अनुसार अलग-अलग रूप में भी रक्षाबंधन का पर्व मानया जाता है.
Raksha Bandhan 2020: रक्षाबंधन का त्योहार अगले महीने 03 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इसे आमतौर पर भाई-बहनों का पर्व मानते हैं लेकिन, अलग-अलग स्थानों एवं लोक परम्परा के अनुसार अलग-अलग रूप में भी रक्षाबंधन का पर्व मानया जाता है.
रक्षाबंधन देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी आयु और मंगल कामना करती हैं. भारत के सभी राज्यों में रक्षाबंधन अलग-अलग तरीके से मनाये जाते है. जिस तरह भारत के दूसरे राज्यों में मकर संक्राति और दीपावली को अलग-अलग नाम से और अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, उसी तरह रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है. भारत में रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ भाई बहन तक ही सिमित नहीं है और भी कई कारणों से यह त्योहार महत्वपूर्ण है. आइए जानते है कि कहां किस तरीके से यह त्योहार मनाये जाते है…
नारियल पूर्णिमा पर्व
देश के पश्चिमी घाट सहित समुद्री क्षेत्रों में इस दिन वर्षा के देवता इंद्र और समुद्र के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है. मछुआरे भी मछली पकड़ने की शुरुआत इसी दिन से करते हैं. इस दिन समुद्र के देवता भगवान वरुण को श्रावण मास की पूर्णिमा को नारियल प्रदान किए जाते हैं. मतलब समुद्र में नारियल फेंके जाते हैं ताकि समुद्र देव हमारी हर प्रकार से रक्षा करें. इसीलिए इस राखी पूर्णिमा को वहां नारियल पूर्णिमा भी कहते हैं.
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अबित्तम पर्व
रक्षाबंधन के दिन दक्षिण भारत में अबित्तम मनाते है. रक्षा बंधन को अबित्तम कहा जाता है, क्योंकि इस दिन पवित्र धागे जनेऊ को बदला जाता है. इसे श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहते हैं. ग्रंथों में रक्षा बंधन को पुण्य प्रदायक, पाप नाशक और विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है जो कि खराब कर्मों का नाश करता है.
कजरी पूर्णिमा पर्व
उत्तर भारत में रक्षाबंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दौरान खेत में गेहूं और अन्य अनाज बिछाया जाता है और अच्छी फसल होने की कामना से माता दुर्गा की पूजा की जाती है.
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पवित्रोपन्ना पर्व
रक्षाबंधन के दिन गुजरात में रुई को पंचगव्य में भिगोकर उसे शिवलिंग के चारों ओर बांध देते हैं. इस पूजा को पवित्रोपन्ना भी कहा जाता है. हालांकि वहां पर भी बहनें भाई को राखी बांधती हैं. अधिकतर क्षेत्रों में रक्षाबंधन को भाई बहन के प्रेम का पर्व के रूप में मनाया जाता है. हालांकि अंचलों में फसल से भी इस त्योहार को जोड़कर देखा जाता है.
News posted by : Radheshyam kushwaha