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इन बातों का रखें खास ख्याल
राखी के दिन इस बात का विशेष ध्यान दें कि काले रंग का सूत्र का प्रयोग नहीं होना चाहिए. शास्त्रों में भी माना जाता है कि ये रंग नकाराकत्मकता को दर्शता है.
महाभारत में भी है रक्षाबंधन का जिक्र
एक कथा के अनुसार जब भगवान कृष्ण ने राजा शिशुपाल का वध किया था, तब उनकी उंगली से खून बहने लगा था. कृष्ण जी के हाथ से खून बहता देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर उनकी उंगली में बांध दिया. कहा जाता है कि यहीं से भगवान कृष्ण ने द्रोपदी को अपनी बहन मान लिया था.
राखी बांधते समय भाई-बहन इन बातों का दें ध्यान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
रक्षाबंधन पर 'भ्रदा' का समय
रक्षाबंधन के पर्व पर इस दिन भद्रा का साया नहीं है. पंचांग के अनुसार भद्रा काल 23 अगस्त 2021 सोमवार की सुबह 05 बजकर 34 मिनट से सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक रहेगी. बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए थाली में कुमकुम, हल्दी, अक्षत, राखी के साथ कलश में पानी और आरती के लिए ज्योति रखें. इसके साथ ही भाई की पसंदीदा मिठाई भी थाली में रखें.
राखी पर शुभ मुहूर्त का महत्व
हिंदू धर्म में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य शुभ मुहूर्त में करने की परंपरा है. पंचांग के अनुसार शुभ समय में ही मांगलिक कार्य करने चाहिए. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर कार्य करता है, उसे सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है.
राखी बांधते समय इस मंत्र को जरूर पढ़ना चाहिए
‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये 5 चीजें
रोली या हल्दी पाउडर
अक्षत (साबूत चावल)
आरती के लिए दीपक
मिठाई
राखी बांधने का मंत्र
‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।'
आरती के लिए दीपक
रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की आरती भी उतराती हैं. आरती उतारने के लिए दीपक की जरूरत होगी, इसलिए पूजा की थाली में दीपक को जरूर रखें.
विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
सबसे पहले बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं.
घी के दीपक से आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें.
राखी बांधते समय ये मंत्र जरूर पढ़ें-
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल
रक्षाबंधन पर 'भ्रदा' का समय
रक्षाबंधन के पर्व पर इस दिन भद्रा का साया नहीं है. पंचांग के अनुसार भद्रा काल 23 अगस्त 2021 सोमवार को प्रात: 05:34 बजे से प्रात: 06:12 बजे तक रहेगी. बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए थाली में कुमकुम, हल्दी, अक्षत, राखी के साथ कलश में पानी और आरती के लिए ज्योति रखें. इसके साथ ही भाई की पसंदीदा मिठाई को भी थाली में रखें.
इस बार रक्षाबंधन पर बन रहे हैं कई शुभ योग
रक्षाबंधन का पर्व के दिन बहने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं. वहीं, भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं. इस साल रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. शोभन योग भी है और धनिष्ठा नक्षत्र भी. यह सभी राखी पर बेहद खास योग बना रहे हैं. इस बार भद्रा का भी साया नहीं है.
नहीं रहेगा भद्रा काल
इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे शुभ समय है. शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने की परंपरा है. भद्रा रहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है. इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा काल नहीं है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्रा वह अशुभ काल माना जाता है जिसमें कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है.
राखी बांधते समय इन बातों का पर दें ध्यान
थाली में रोली, चंदन, अक्षथ, दही, रक्षासूत्र और दही रखें
घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती करें
रक्षा सूत्र और पूजा की थाली सबसे पहले भगवान को समर्पित करें.
इसके बाद भाई को उत्तर या पूर्व की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं
पहले भाई के तिलक लगाएं, फिर राखी बांधे और आरती करें
इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें
राखी बांधने की विधि
अब राखी बांधने की प्रक्रिया शुरू करें.
इसके लिए भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं
ध्यान रखें राखी बांधते समय भाई के सिर पर एक रुमाल होना चाहिए
फिर बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उस कुछ अक्षत लगाएं
फिर दीया जलाकर भाई की आरती उतारें
इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधते हुए इस मंत्र को बोलें
‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’
अब भाई-बहन एक दूसरे का मुंह मीठा करें.
अगर बहन बड़ी है तो भाई उसके चरण स्पर्श करे और अगर बहन छोटी है तो वो भाई के पैर छुए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे
अंत में भाई बहन को कुछ न कुछ उपहार देने की परंपरा निभाते हैं.
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. अमृत काल सुबह 09 बजकर 34 से सुबह 11 बजकर 07 मिनट तक होगा. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 19 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक है. सुबह साढ़े 10 तक शोभना योग रहेगा. वहीं, शाम 7 बजकर 40 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र होगा.
अन्य ग्रहों का भी है खास संयोग
राखी के खास अवसर पर सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ सिंह राशि में रहेंगे और इस दौरान धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा. कहा जा रहा है कि इस बार रक्षाबंधन पर 474 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है.
जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का समय – सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है. राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 42 से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक राखी वाले दिन भद्रा अंत का समय – सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
सबसे पहले इन्हें बांधे राखी
सबसे पहले राखी भगवान श्री गणेश जी को बांधना चाहिए. उसके बाद एनी देवताओं को जैसे भगवान विष्णु, भगवान शिव,भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और अपने ईष्ट देव को राखी अर्पित करें के बाद ही भाइयों को राखी बांधें.
इस तरह बंधवाएं राखी
राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए. सर्वप्रथम बहन को अपनी अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) से भाई के मस्तक पर रोली का तिलक लगाकर अक्षत अर्थात साबुत चावल लगाने चाहिए. अक्षत अखंड शुभता को प्रदर्शित करते हैं. इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उसके मंगल की कामना करनी चाहिए. भाई को भी आपकी बहन की रक्षा का प्रण लेते हुए उसे उपहार भेंट करना चाहिए.
राखी बांधने का सबसे उत्तम मुहूर्त
22 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा.
इन बातों का रखें ध्यान
राखी खरीदते या बांधते समय कुछ खास बातें ध्यान में रखनी जरूरी हैं. जाने-अनजाने में बाजार से राखियां लाने में टूट जाती हैं और हम उसे वापस जोड़कर सही कर लेते हैं. अगर कोई राखी खंडित हो जाए तो उसका प्रयोग भाई की कलाई पर नहीं करना चाहिए.
रक्षाबंधन पूजा विधि
राखी के दिन सुबह स्नान कर देवताओं जल दें. इसके बाद अपने कुल के देवी-देवताओं की पूजा करें. फिर एक थाली में राखी, अक्षत और रोली, दीपक रखें. सबसे पहले राखी की थाल को पूजा स्थान पर रखें और पहली राखी बाल गोपाल या फिर अपने ईष्ट देवता का चढ़ाएं.
सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन
सावन पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस बार ये त्योहार 22 अगस्त यानी रविवार को है. हर साल सावन मास में पूर्णिमा तिथि पर बहन भाई की कलाई में राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन भी देता है.
जानिए क्या है परंपरा
रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है.श्रावणी पूर्णिमा के दिन कलाई पर रक्षासूत्र बांधने की परंपरा वैदिक काल से ही चली आ रही है. प्राचीन काल में पुरोहित राजा और समाज के वरिष्ठजनों को इस दिन रक्षा सूत्र बांधा करते थे. कई जगह इस बात का भी जिक्र मिलता है शिष्य इस दिन अपने गुरुओं को रक्षासूत्र बांधते थे.
जानें राखी बांधनें की विधि
थाली में रोली, चंदन, अक्षथ, दही, रक्षासूत्र और दही रखें
घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती करें
रक्षा सूत्र और पूजा की थाली सबसे पहले भगवान को समर्पित करें
इसके बाद भाई को उत्तर या पूर्व की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं
पहले भाई के तिलक लगाएं, फिर राखी बांधे और आरती करें
इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें
रक्षासूत्र बांधने के समय भाई और बहन का सर खुला नहीं होना चाहिए
जानें पूजा सामग्री
राखी: रक्षाबंधन के दिन बहनों को चाहिए कि पूजा की थाली में राखी अवश्य रखें.
रोली या हल्दी पाउडर: राखी बांधते समय बहनें सबसे पहले भाइयों को तिलक लगाती हैं.
अक्षत: तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है.
आरती के लिए दीपक: रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों की आरती भी उतराती हैं.
मिठाई: रक्षाबंधन के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं.
रक्षाबंधन पर बेहद शुभ संयोग
रक्षा बंधन पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान होंगे. जबकि शुक्र कन्या राशि में होगे. ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ संयोग बेहद फलदायी रहने वाला है.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे शुभ मुहूर्त है. शुभ मुहूर्त 22 अगस्त दिन रविवार की सुबह से लेकर शाम 05 बजकर 01 मिनट रहेगा. इस दिन शोभन योग सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक तक रहेगा और धनिष्ठा नक्षत्र शाम 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. राखी बांधने के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा.
रक्षाबंधन के दिन इस रंग से बचें
रक्षाबंधन के दिन आपको काले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए. यह रंग नकारात्मकता को दर्शाता है. संभव हो तो अपने भाई की राशि के अनुसार राखी के रंग का चयन करें.
राखी बांधते समय दिशा का रखें ध्यान
राखी बांधते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए. बहनें इस बात का ध्यान रखें कि भाई का मुख दक्षिण दिशा में न हो. बल्कि उनका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
रक्षा बंधन पर भद्राकाल नहीं
इस बार रक्षाबंधन पर पूरे दिन भद्रा नहीं रहेगी. शाम 05 बजकर 30 मिनट पर राहुकाल लगेगा. इसलिए राहुकाल लगने से पहले पूरेदिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा, इसमें भी दोपहर 12 बजे से 01 बजे का मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा.
जानें रक्षाबंधन पर ये खास योग
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार शोभन, अमृत और गजेसरी योग में मनेगा. रक्षाबंधन पर इस साल भद्रा का साया और पंचक का कोई प्रभाव नहीं रहेगा. राखी बांधने के लिए दिनभर शुभ समय रहेगा. राखी का त्योहार इस साल 22 अगस्त दिन रविवार को धनिष्ठा नक्षत्र में मनेगा. शोभन, अमृत व गजकेसरी महा योग इस पर्व की शोभा बढ़ाएंगे.
जानें कब से कब तक रहेगा पंचक
राखी पर इस बार भद्रा का साया भी नहीं रहेगा, लेकिन पंचक दिन में 08 बजकर 35 मिनट से आरम्भ होगा, जिसके कारण बहनें पंचक का ध्यान रखकर उपाय कर भाई को राखी बांध सकेंगी.
धनिष्ठा नक्षत्र में मनेगा रक्षाबंधन
रक्षा बंधन का त्योहार इस बार सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा. शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है. इस बार सालों बाद एक ग्रहों का महासंयोग भी बन रहा है.
रक्षा बंधन पर बन रहा गजकेसरी योग
इस बार रक्षाबंधन पर कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और इसके साथ चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेगे. गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षा बंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. गजकेसरी योग से इंसान की महत्वाकांक्षाएं पूरी होती हैं. धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.
रक्षा बंधन पर ग्रह स्थिति
रक्षा बंधन पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान होंगे.जबकि शुक्र कन्या राशि में होगे. ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ संयोग बेहद फलदायी रहने वाला है.
जानें कैसे बनता है गज केसरी योग
कुंडली में जब चंद्रमा और गुरु केंद्र में एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हों तो गज केसरी योग बनता है. यह योग लोगों को भाग्यशाली बनाता है लेकिन अगर कुंडरी में बृहस्पति या चंद्रमा कमजोर हो तो इस योग का लाभ नहीं मिल पाता है.