Raksha Bandhan 2021: इस बार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि यानि रक्षाबंधन पर विशेष योग बन रहा है. इस बार रक्षाबंधन पर चंद्रमा और गुरु कुंभ राशि में उल्टी चाल चलेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है.
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सावन मास की पूर्णिमा तिथि को पुण्य प्रदायक, पाप नाशक और विष तारक या विष नाशक भी माना जाता है, जो खराब कर्मों का नाश करता है.
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श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि यानि रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधतीं हैं.
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इस दिन उत्तर भारत में जनेऊ बदलने का कार्य भी होता है, जिसे श्रावणी उपाकर्म कहते हैं. दक्षिण भारत में इस पर्व को अबित्तम के नाम से जाना जाता है.
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इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है. श्रावण पूर्णिमा पर परंपरागत ढंग से तीर्थ अवगाहन, दशस्नान, हेमाद्रि संकल्प एवं तर्पण आदि कर्म किए जाते हैं.
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इस दिन व्रत करने का विशेष महत्व होता है. उत्तर और मध्य भारत में महिलाएं उपवास रखती हैं और अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस पर्व को उत्तर भारत में कजरी पूनम के नाम से जाना जाता है.
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इस दिन शिव, पार्वती, श्रीकृष्ण, हनुमानजी, चंद्रमा, विष्णुजी और माता लक्षमीजी की पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने पर सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते है.
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