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Ram Mandir Bhumi Pujan: बिना लोहे के इस्तेमाल के अयोध्या में बनेगा भगवान राम का भव्य मंदिर, जानिए इस मंदिर की रहस्यमयी बातें

Ram Janmabhoomi Mandir In Ayodhya: अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या पूरी तरह से सज धज कर तैयार है. पूरी नगरी सजी है. आज अयोध्या में पीएम नरेन्द्र मोदी के अलावा तमाम बड़े राजनेता और साधु संतों सहित 175 आमंत्रित लोग इस भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे.

Ram Mandir Bhumi Pujan: अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या पूरी तरह से सज धज कर तैयार है. पूरी नगरी सजी है. आज अयोध्या में पीएम नरेन्द्र मोदी के अलावा तमाम बड़े राजनेता और साधु संतों सहित 175 आमंत्रित लोग इस भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. आइए जानते हैं इस राम जन्मभूमि मंदिर से जुड़े रहस्य…

– अब यह मंदिर 3 मंजिला होगा. रामलला की मूर्ति निचले तल पर विराजमान होगी. विश्व हिंदू परिषद के वर्तमान राम मंदिर मॉडल की ऊंचाई 141 फुट से बढ़ाकर 161 फुट की जाएगी. मंदिर में जाने के लिए 5 दरवाजे (सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे. इस मंदिर की लंबाई लगभग 270 मीटर, चौड़ाई 140 मीटर होगी. हर मंजिल पर लगभग 106 खम्भे होंगे. पहली मंजिल पर खम्भे की लम्बाई लगभग 16.5 फुट और दूसरी मंजिल पर 14.5 फुट प्रस्तावित है. प्रत्येक मंजिल 185 बीम पर टिकी होगी.

– यह नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा. इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा. मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे. यह अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेगा. मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों के आवास, भोजनालय इत्‍यादि होंगे.

– मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. मंदिर में संगमरमर का फ्रेम और लकड़ी के दरवाजे होंगे. इसमें पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत बताई गई थी. मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा. यह मंदिर लगभग 221 पिलर पर खड़ा होगा. इसमें आवागमन के लिए मुख्य पांच द्वारों के अलाव कुल 24 द्वार बनाए जाएंगे. मंदिर के प्रत्येक खंभे पर 12 मूर्तियां उकेरी गई हैं. यह मूर्तियां देवी-देविताओं की हैं.

– शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राम मंदिर का मॉडल तैयार किया था. भारतीय शिल्प शास्त्र के हिसाब से इस मंदिर का निर्माण कराने का फैसला लिया गया है, इसकी परिक्रमा गोलाई में होगी. मंदिर बनाने के लिए पत्थरों की तराशने का काम करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है. प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद की ओर से पत्थरों को मंगाने और तराशने का कार्य सितंबर 1990 में शुरू किया गया था.

– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भूमि पूजन होना है. इसलिए लगभग 40 किलो वजनी चांदी की ईंट तैयार कराई गई है, जिसे नींव में रखा जाना है. इसके अलावा मुगल बादशाह बाबर के वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने भूमिपूजन के लिए सोने की ईंट देने के लिए आगे आए है. उल्लेखनीय है कि इसके अलावा देशभर के कई लोगों ने अपनी अपनी तरफ से मंदिर के लिए जो भी सहयोग हो सकता है वह दिया है. हजारों लोगों ने राम नाम लिखी ईंटों को दान किया है, जिससे कारसेवापुरम बना है. मंदिर निर्माण में सभी धर्मों के लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है.

– मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महामंत्री चंपत राय, निर्माण समिति के अध्यक्ष आईएएस नृपेंद्र मिश्रा, ज्ञानेश कुमार (अपर सचिव भारत सरकार) व नामित सदस्य अवनीश अवस्थी (अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश) व नामित सदस्य अनुज झा (जिलाधिकारी अयोध्या) व पदेन सदस्य राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, डॉ. अनिल कुमार, महंत दिनेन्द्र दास, के. परासरन, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ, युग पुरुष परमानंद गिरी, स्वामी गोविंददेव गिरी आदि शामिल हैं.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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