Ram Navami 2022: रामनवमी के दिन होनेवाले ध्वजा रोहण को लेकर राजधानी का बाजार महावीरी ध्वज से पट गया है. इसकी बिक्री परवान चढ़ी है. यूं तो महावीरी ध्वज की बिक्री सालों भर होती है, लेकिन रामनवमी में बिक्री कई गुणा बढ़ जाती है. इस वजह से ध्वज बनाने वाले कारीगरों की व्यस्तता भी बढ़ जाती है. यह उल्लास दो वर्षों के बाद दिख रहा है. रामनवमी को लेकर दुकानदारों और आम लोगो में उत्साह है. रामभक्त जमकर खरीददारी कर रहे हैं.
राजधानी रांची के बाजार में बनारस, गया, पटना और दिल्ली के महावीरी झंडे की धूम है. कई लोग पसंद के अनुसार महावीरी झंडे की सिलाई करा रहे हैं. इसके लिए हजारीबाग के कारीगर भी दिन-रात काम में जुटे हुए हैं. साथ ही स्थानीय कारीगर भी झंडे की सिलाई में जुटे हुए हैं. बाजार में महावीरी झंडा 15 रुपये से 11 हजार रुपये का उपलब्ध है. झंडा के अलावा चुनरी, रामनामी पट्टा, बाइक वाला झंडा, हनुमान जी का वस्त्र, टी शर्ट, भगवा तौलिया आदि से भी बाजार सजा हुआ है. इन सामग्रियों को दिल्ली और कोलकाता से मंगाया गया है. झंडा विक्रेता अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि इस बार बिक्री अच्छी है, लेकिन धीमी है. आज-कल में बाजार की स्थिति और सुधरेगी.
झंडा छोटा : 15-50
झंडा मध्यम : 50-200
झंडा बड़ा : 250-11,000
छोटी चुन्नी : 10-50
मध्यम चुन्नी : 50-200
बड़ी चुन्नी : 200-1100
रामनवमी पर राजधानी के सभी हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी. श्री महावीर मंडल केंद्रीय समिति के अध्यक्ष जयसिंह यादव ने कहा कि रामनवमी की शोभायात्रा में 1800 से अखाड़े शामिल होंगे. इसके अलावा सैकड़ों झांकिया और 20 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे.
बाजार में पंजाब की तलवार की ज्यादा मांग है. वहीं गिरिडीह के पारसनाथ पहाड़ से रंगीन लाठी, बंगाल, बोकारो, धनबाद व रांची के आसपास से भाला-फरसा मंगाया गया है. विक्रेताओं ने कहा कि इस बार मांग अच्छी है. तलवार की कीमत 250-1200, भाला-फरसा 70-300 और लाठी कीमत 30-40 रुपये प्रति पीस है.
रामनवमी को लेकर अधिकतर मंदिरों का रंग-रोगन कर दिया गया है़ साथ ही शहर के हर प्रमुख चौक-चौराहों को झंडों व रंग-बिरंगे बल्बों से सजा दिया गया है. कई जगहों पर तोरणद्वार भी लगाये गये हैं. 10 अप्रैल को रामनवमी की मुख्य शोभायात्रा निकाली जायेगी. शोभायात्रा की शुरुआत दोपहर दो बजे होगी. शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुंचेंगी और ओवरब्रिज होते हुए तपोवन मंदिर पहुंचेगी.
यहां पूजा-अर्चना के बाद शोभायात्रा रात आठ बजे तक अपने-अपने अखाड़ों में लौट जायेंगी. साथ ही डोरंडा व हिनू से भी शोभायात्रा निकाली जायेगी और विभिन्न मार्गों से होकर तपोवन मंदिर जायेगी. इधर, अलबर्ट एक्का चौक सहित कई प्रमुख जगहों पर बड़े-बड़े स्टेज बनाये गये हैं. भक्तों का स्वागत किया जायेगा. साथ ही सामाजिक संगठन सेवा शिविर भी लगायेंगे. शोभायात्रा में शामिल भक्तों का स्वागत किया जायेगा.