Ramadan 2023 Date: रमजान के महीने का पहला रोजा 24 मार्च से रखा जाएगा.बता दें कि इस पवित्र महीने की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है. रमजान के प्रारंभ होते ही मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखना शुरू कर देते हैं. रोजा की शुरुआत सुबह सहरी के साथ होती है और फिर शाम में इफ्तार करके रोजा खोलने की परंपरा है. पुरानी मान्यता के अनुसार चांद दिखने के अगले दिन से रमजान की शुरुआत होती है. यदि मक्का में आज चांद नजर आता है तो कल से रमजान का महीना शुरू हो सकता है. जानें रमजान 2023 सहरी और इफ्तार का सही समय क्या है.
तारीख-सहरी का समय-इफ्तार का समय
24 मार्च 2023- प्रातः 5:01- सायं 06:37
25 मार्च 2023- प्रातः 5:00- सायं 06:38
26 मार्च 2023- प्रातः 4:59- सायं 06:38
27 मार्च 2023- प्रातः 4:57- सायं 06:39
28 मार्च 2023- प्रातः 4:56- सायं 06:39
29 मार्च 2023- प्रातः 4:55- सायं 06:40
30 मार्च 2023- प्रातः 4:53- सायं 06:40
31 मार्च 2023- प्रातः 4:52- सायं 06:41
01 अप्रैल 2023- प्रातः 4:51- सायं 06:41
02 अप्रैल 2023- प्रातः 4:50- सायं 06:42
03 अप्रैल 2023- प्रातः 4:48- सायं 06:43
04 अप्रैल 2023- प्रातः 4:47- सायं 06:43
05 अप्रैल 2023- प्रातः 4:46- सायं 06:44
06 अप्रैल 2023- प्रातः 4:45- सायं 06:44
07 अप्रैल 2023- प्रातः 4:43- सायं 06:45
08 अप्रैल 2023- प्रातः 4:42- सायं 06:45
09 अप्रैल 2023- प्रातः 4:41- सायं 06:46
10 अप्रैल 2023- प्रातः 4:40- सायं 06:46
11 अप्रैल 2023- प्रातः 4:38- सायं 06:47
12 अप्रैल 2023- प्रातः 4:37- सायं 06:48
13 अप्रैल 2023- प्रातः 4:36- सायं 06:48
14 अप्रैल 2023- प्रातः 4:35- सायं 06:49
15 अप्रैल 2023- प्रातः 4:33- सायं 06:49
16 अप्रैल 2023- प्रातः 4:32- सायं 06:50
17 अप्रैल 202- प्रातः 4:31- सायं 06:50
18 अप्रैल 2023- प्रातः 4:30- सायं 06:51
19 अप्रैल 2023- प्रातः 4:28- सायं 06:52
20 अप्रैल 2023- प्रातः 4:27- सायं 06:52
21 अप्रैल 2023- प्रातः 4:26- सायं 06:53
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इस बार रमजान 2023 का महीना पूरे 30 दिन का है. आखिरी रोजा 21 अप्रैल को रखा जाएगा और इस हिसाब से इस बार ईद 22 अप्रैल को मनाई जा सकती है. रमजान के महीने में बदों को कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है. जानें वो नियम कौन से हैं.
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रमजान के दौरान हर रोजेदार के लिए पांच वक्त की नमाज पढ़नी चाहिए.
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रमजान के पवित्र महीने में ईद से पहले जकात यानी दान को जरूरी माना जाता है.
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जकात में अपने सालभर की कमाई का ढाई फीसदी हिस्सा जरूरतमंदों को दान देना अच्छा मानते हैं.
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रमजान के महीने में इबादत करने वाले हर शख्स को अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहिए.