Rangbhari Ekadashi 2024: काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ मां गौरा को गौना लेने के लिए अपने ससुराल पहुंच चुके हैं, इसके साथ ही काशी में बाबा विश्वनाथ के गौने की रस्म भी शुरू हो गई है. गौने में चढ़ाने के लिए सगुन भी तैयार हो चुका है. रंगभरी एकादशी की पूर्व संध्या पर मंगलवार को बाबा विश्वनाथ मां गौरा की विदाई के लिए प्रतीक रूप से अपने ससुराल टेढ़ीनीम स्थित महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर गौना बारात लेकर पहुंच चुके है. महंत आवास पर बाबा के रजत विग्रह का पारम्परिक ढंग से स्वागत हुआ. वाराणसी के टेढ़ीनीम का महंत निवास की महिलाओं ने मां गौरा के तीन दिवसीय विशेष पूजन के साथ कल सुबह उनकी विदाई की तैयारी शुरू कर दी जाएगी.
दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ
धर्म नगरी काशी में रंगभरी एकादशी की धूम है. दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ को फल, मेवा के साथ ‘ठंडई’ का भोग लगाया जाएगा. बाबा कोलकाता से लाए गए देवकिरीट भी सिर पर बाधेंगे. काठियावाड़ से भेजे गए परिधानों को भी पहनेंगे. कल सुबह रंगभरी एकादशी पर भोर में काशी विश्वनाथ के साथ मां गौरा की चल प्रतिमा को पंचगव्य व पंचामृत स्नान कराया जायेगा. जानकारी के अनुसार, पंडित वाचस्पति तिवारी और संजीव रत्न मिश्र दुग्धाभिषेक की प्रक्रिया संपन्न करायेंगे. इस दौरान सुबह 5 बजे 11 ब्राह्मण षोडषोपचार विधि से पूजन कर बाबा को फलाहार का भोग लगाएंगे और महाआरती करेंगे.
महाआरती के बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू होगा
महाआरती के बाद महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती के दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू होगा. यह क्रम शाम पांच बजे तक चलेगा. शाम पांच बजे बाबा विश्वनाथ, मां पार्वती और माता की गोद में बैठे प्रथमेश श्री गणेश को रजत सिंहासन पर विराजमान कर गौना बारात निकलेंगी. बाबा अपनी नगरी के लोगों संग होली खेल कर नेग स्वरूप उन्हें होली खेलने की इजाजत देंगे. बता दें कि काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के साथ गौरी गणेश की प्रतिमा का शृंगार के बाद आरती उतारकर वैदिक मन्त्रों से गौने की रस्म शुरू की गई. महंत आवास उत्सव के माहौल में गौने की बधाई गीतों से गुंजायमान हो गया है.