रंगभरी एकादशी 20 मार्च को मनाई जाएगी. इस दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रद्धालुओं के लिए शुभकारी होगा. पुष्य नक्षत्र में खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है. रंगभरी एकादशी का व्रत और पूजन श्रद्धालुओं को 12 महीने की एकादशी के समान फल देने वाला है. इस दिन स्नान, दान और व्रत से सहस्त्र गोदान के समान शुभ फल प्राप्त होता है.
कब है रंगभरी एकादशी
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी 19 मार्च को अर्धरात्रि 12:24 बजे लग रही है और 20 मार्च को अर्धरात्रि के पश्चात 2:42 बजे तक रहेगी. पुष्य नक्षत्र 19 मार्च को रात्रि 8:10 बजे से 20 मार्च को रात्रि 10:38 बजे तक रहेगा. यह एकादशी काफी महत्वपूर्ण होगा. इस एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
पुष्य नक्षत्र में रखा जाएगा एकादशी का व्रत
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार का एकादशी व्रत 20 मार्च को पुष्य नक्षत्र में रखा जाएगा. व्रत का पारण अगले दिन यानी 21 मार्च को दोपहर 1:31 बजे से शाम 4:07 बजे तक किया जा सकता है. पूजा का शुभ मुहूर्त 20 मार्च को सुबह 6:25 बजे से सुबह 9:27 बजे तक है. ये दिन खरीदारी के लिए भी अत्यंत शुभ है.
ऐसे करें पूजन
रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करें और पार्वतीजी का सोलह शृंगार करें. शिवलिंग पर गुलाल, चंदन और बेलपत्र अर्पित करें. इसके बाद कथा और आरती कर विधि विधान से पूजा करें. भोग लगाकर पूजा का समापन करें और सुख-शांति की प्रार्थना करें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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