Shani Ki Mahadasha: शनि कर्म फलदाता है. इसलिए हर कोई चाहता है कि शनि की कृपा हमेशा बनी रहे. अगर शनि ग्रह मजबूत स्थिति में है तो सुखों में कोई कमी नहीं होती है. वहीं, अगर कुंडली में शनि ग्रह खराब हो तो व्यक्ति को अपने जीवन में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. शनि की शुभ और अशुभ स्थिति के बारे में आप अपना हाथ देखकर भी जान सकते है.
हथेली पर एक स्थान शनिदेव का भी होता है. इस स्थान को शनि पर्वत भी कहा जाता है. शनि की स्थिति देखकर आप अपनी लाइफ में क्या चल रही है इसका पता लगा सकते है. शनि पर्वत हाथ की बीच वाली उंगली के ठीक नीचे होता है. मान्यता हैं कि अगर ये स्थान उठा हुआ होता है तो इसका मतलब शनि ग्रह आपका मजबूत है और अगर दबा हुआ है तो इसका अर्थ है कि शनि आपकी कुंडली में पीड़ित अवस्था में विराजमान हैं.
शनि अगर आपकी कुंडली में मजबूत होंगे तो शनि पर्वत अच्छे से उभार लिए होगा ये आपके हाथ में अलग से उठा हुआ नजर आएगा. वहीं, अगर शनि की दशा चल रही है तो ये पर्वत काफी दबा हुआ या न के बराबर दिखाई देता है. यदि शनि पर्वत पर कई सारी रेखाएं हैं और एक दूसरे को काटकर एक जाल बना रही हैं तो समझ जाइए कि आप पर शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या चल रही होगी.
यदि शनि पर्वत पर द्वीप का निशान बन रहा है तो ये शुभ संकेत नहीं है. इसका मतलब यह है कि आपको किसी भी काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. इसी तरह शनि पर्वत पर क्रॉस का निशान बनना भी शुभ नहीं माना जाता है. इससे लाइफ में दुर्घटनाओं की चपेट में आने के ज्यादा आसार रहते हैं. ऐसे निशान होने पर शनि मंत्रों का जाप करें. वाहन चलाते समय सावधानी बरतें.
यदि शनि पर्वत वाली उंगली एक दम सीधी और बाकी उंगलियों से लंबी हो तो यह भाग्यशाली होने का संकेत है. मान्यता है कि ऐसी उंगली वाले कला के क्षेत्र में खूब नाम कमाते हैं. हाथ की भाग्य रेखा को शनि रेखा भी कहा जाता है. ये शनि रेखा कलाई के पास से शुरू होकर सीधे शनि पर्वत तक पहुंचती है. अगर ये रेखा स्पष्ट, साफ और बिना कटे सीधे शनि पर्वत पर पहुंच जाए तो ऐसे लोग अपने जीवन में खूब तरक्की करते हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha