Ruchak Yog: मंगल ग्रह ने अपनी स्वराशि मेष में प्रवेश किया है. जिसकी वजह से “रूचक राजयोग” का निर्माण हो रहा है. यह एक अत्यंत शुभ योग माना जाता है जो जातक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि प्रदान करता है. आइए जानते हैं क्या होता है रूचक राजयोग और इसका प्रभाव.
रूचक योग क्या है?
रूचक योग कुंडली में मंगल ग्रह के प्रभाव से निर्मित होने वाला एक विशेष शुभ योग है. वैदिक ज्योतिष में इसे पांच महापुरुष योगों में से एक माना जाता है, जो जातक के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
रूचक योग का निर्माण कैसे होता है?
रूचक योग तब बनता है, जब मंगल ग्रह लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में मेष, वृश्चिक या मकर राशि में स्थित होता है. उल्लेखनीय है कि मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह है और मकर राशि को उसकी उच्च राशि माना जाता है.
रूचक योग के प्रभाव
रूचक योग जातक के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डालता है. इन प्रभावों में शामिल हैं:
शारीरिक बल और पराक्रम: रूचक योग जातक को शारीरिक शक्ति, साहस और पराक्रम प्रदान करता है.
मानसिक क्षमता: यह योग जातक को तीव्र बुद्धि, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास प्रदान करता है.
सफलता: रूचक योग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है.
विशिष्ट क्षेत्रों में लाभ: यह योग खिलाड़ी, क्रिकेटर, बॉडीबिल्डर, पुलिसकर्मी, अधिकारी, कमांड अधिकारी, नौसेना अधिकारी, वायु सेना अधिकारी, राजनेता और मंत्री जैसे क्षेत्रों में करियर के लिए शुभ माना जाता है.
पद और प्रतिष्ठा: रूचक योग जातक को उच्च पद और प्रतिष्ठा दिलाने में सहायक होता है.
सुख-सुविधाएं: यह योग जातक को भौतिक सुख-सुविधाएं, धन-दौलत और समाज में सम्मान दिलाता है.
साहसिक जीवन: रूचक योग जातक को साहसी कार्यों के लिए प्रेरित करता है और जोखिम लेने की क्षमता प्रदान करता है.
स्वास्थ्य: रूचक योग जातक को उत्तम स्वास्थ्य और ऊर्जा प्रदान करता है.
विवाह: रूचक योग जातक को सुखी वैवाहिक जीवन प्रदान करता है.
धार्मिक प्रवृत्ति: रूचक योग जातक को धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों के प्रति प्रेरित करता है.
रूचक योग पर प्रभाव डालने वाले कारक:
रूचक योग का प्रभाव कुंडली में इसकी स्थिति के साथ-साथ अन्य ग्रहों के योगों और उनसे होने वाले प्रभावों पर निर्भर करता है.
मंगल ग्रह का शुभ होना रूचक योग के सकारात्मक प्रभावों के लिए आवश्यक है. अशुभ मंगल ग्रह कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण कर सकता है.
कुंडली में पितृदोष, मांगलिक दोष या कालसर्प दोष जैसे अन्य दोषों की उपस्थिति रूचक योग के प्रभाव को कम कर सकती है.
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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