इस दिन मनाया जाएगा भगवान गणेश को समर्पित सकट चौथ, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sakat Chauth Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रत्येक तिथि का एक विशेष महत्व होता है. विभिन्न तिथियां विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित की जाती हैं. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश के लिए समर्पित है. इस संदर्भ में, कई लोग यह जानने के इच्छुक हैं कि वर्ष 2025 में पहला सकट चौथ व्रत कब मनाया जाएगा.

By Shaurya Punj | January 2, 2025 10:35 AM

Sakat Chauth 2025: सकट चौथ भगवान गणेश को समर्पित है. ये त्योहार इस साल 17 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उपवासी भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं. भगवान गणेश की कृपा से भक्तों के जीवन में समृद्धि, खुशी, संतान की प्राप्ति होती है. इस दिन को विशेष रूप से मनाना उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जिनके जीवन में संतान सुख की इच्छा है.

कब मनाते हैं संकष्टी चतुर्थी

सकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को मनाया जाता है.इस दिन भक्तगण भगवान गणेश और साकत माता की पूजा करते हैं, ताकि उनके जीवन से सभी परेशानियां दूर हो सकें और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे.

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कब है सकट चौथ 2025?

सकट चौथ का पर्व 2025 में 17 जनवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि संकष्टी चतुर्थी, साकत चौथ, तिलकुट चौथ, माघी चौथ, लंबोदर संकष्टी और संकटा चौथ.

सकट चौथ 2025 के शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 17 जनवरी 2025, सुबह 4:06 बजे
चतुर्थी तिथि का समापन: 18 जनवरी 2025, सुबह 5:30 बजे
गणपति पूजा मुहूर्त: 17 जनवरी 2025, सुबह 7:15 बजे से 11:12 बजे तक
चांद का उगना (मूनराइज): 17 जनवरी 2025, रात 9:09 बजे

क्यों मनाते हैं सकट चौथ?

सकट चौथ का पर्व भगवान गणेश और साकत माता को समर्पित है. इस दिन विशेष रूप से महिलाएं और माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए उपवासी रहती हैं और भगवान गणेश से उनके सुख, समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना करती हैं. खास बात यह है कि इस उपवास को चांद को अर्घ्य देने के बाद ही समाप्त किया जाता है.

सकट चौथ पर चांद की पूजा का महत्व

सकट चौथ पर चांद की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन चांद के दर्शन के बाद भक्तगण पानी (अर्घ्य) चढ़ाते हैं और फिर तिलकुट (तिल के लड्डू) जैसी तिल आधारित मिठाइयां भगवान गणेश को अर्पित करते हैं. इसके बाद ही वे अपना उपवास समाप्त करते हैं.

सकट चौथ पूजा विधि

  • प्रभात बेला में स्नान करें: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
  • उपवासी का संकल्प लें: सकट चौथ का व्रत रखने का संकल्प लें.
  • चौकी पर पूजा का आयोजन करें: एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश और साकत माता की मूर्तियां स्थापित करें.
  • सिंदूर और दीप जलाएं: मूर्तियों पर सिंदूर चढ़ाएं और घी का दीपक लगाएं.
  • फूल, फल और मिठाइयां अर्पित करें: भगवान गणेश को फूल, फल और विशेष रूप से तिलकुट अर्पित करें.
  • गणेश चालीसा का पाठ करें: गणेश चालीसा का पाठ करें और पूजा का समापन गणेश आरती से करें.
  • शंख ध्वनि: पूजा के बाद शंख बजाएं.
  • व्रत का समापन: अंत में प्रसाद ग्रहण करें और उपवास का समापन करें.
  • इस दिन की पूजा विधि को श्रद्धा और भाव से करने से भगवान गणेश भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं, जिससे घर में सुख, समृद्धि और बच्चों की भलाई होती हैं इस पर्व का पालन करने से यह भी माना जाता है कि पूरे वर्ष खुशहाली और सफलता का आशीर्वाद मिलता है.
  • जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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