sankashti chaturthi april 2020 : आज वैशाख मास की संकष्टी गणेश चतुर्थी है.इसे विकट संकष्टी गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं.चतुर्थी के दिन गणेश जी की विधवत पूजा अर्चना की जाती है.आज के दिन चतुर्थी का व्रत किया जाता है.किसी भी मंगल कार्य को करने से पहले श्रीगणेश जी का नाम लिया जाता है.इन्हे मंगलकर्ता व विध्नहर्ता कहा गया है.आज के दिन व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
चतुर्थी तिथि व चंद्रोदय समय : ( sankashti chaturthi 2020 )
– चंद्रमा के उदय होने का समय- आज 11 अप्रैल रात 10 बजे
– चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 10 अप्रैल 2020 , रात 9 बजकर 31 मिनट
– चतुर्थी तिथि समाप्त – 11 अप्रैल 2020, शाम 7 बजकर 1 मिनट
चतुर्थी की पूजा विधि : (sankashti chaturthi puja vidhi)
– आज चतुर्थी तिथि के प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
– अपने घर के पूजा स्थल पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
– हाथ में जल,अक्षत् और फूल लेकर चतुर्थी व्रत का संकल्प करें.
– आज दिन भर उपवास पर रहें और गणेश जी की भक्ति में लीन रहें.
– प्रातः 27 हरी दूर्वा की पत्ती गणेश जी की प्रतिमा को अर्पित करें
– गणपति को पीले रंग का मोदक भी अर्पण करें.
– ताम्बूल, नारियल, केला एवं दक्षिणा समर्पण करें.
– आज गणेश जी को लाल पुष्प जरुर चढ़ाएं.
– गणेश जी को शमी पत्र चढ़ाएं.
– ओम गणेशाय नम: मन्त्र काजाप करें.
– ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें.
– रात में शुभ मुहूर्त में चंद्रमा की पूजा करें.
– आज गणेश जी की आरती जरुर पढ़ें.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- ( sankashti in april 2020 )
भगवान गणेश को प्रातःकाल, मध्याह्न और सायाह्न में से किसी भी समय पूजा जा सकता है. परन्तु गणेश-चतुर्थी के दिन मध्याह्न का समय गणेश-पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. मध्याह्न के दौरान गणेश-पूजा का समय गणेश-चतुर्थी पूजा मुहूर्त कहलाता है. इसलिए आज इसी मुहूर्त में गणेशजी की पूजा करनी चाहिए.