22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Saphala Ekadashi 2024 Vrat Katha: आज सफला एकादशी पर जरूर करें इस कथा का पाठ

Saphala Ekadashi 2024 Vrat Katha: इस वर्ष सफला एकादशी का व्रत आज 26 दिसंबर 2024, गुरुवार को आयोजित किया जा रहा है. गुरुवार और एकादशी दोनों ही श्रीहरि के लिए अत्यंत प्रिय माने जाते हैं. इस प्रकार, इस वर्ष की अंतिम एकादशी को विशेष महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि कहा जाता है कि सफला एकादशी का व्रत सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है. आइए, सफला एकादशी की कथा के बारे में जानते हैं.

Saphala Ekadashi 2024:  सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर आज को मनाया जा रहा है. यह व्रत पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आयोजित किया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, सफला एकादशी दिसंबर या जनवरी में आती है. इस दिन व्रत करके भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने का महत्व है. इस व्रत के पुण्य और श्रीहरि की कृपा से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.

सफला एकादशी के दिन करें विशेष कथा का पाठ

सफला एकादशी व्रत की कथा के अनुसार, चम्पावती नगरी में महिष्मत नामक राजा के पांच पुत्र थे. इनमें से सबसे बड़ा पुत्र चरित्रहीन था और देवताओं का अपमान करता था. वह मांस का सेवन करता था और उसमें कई दोष थे, जिसके कारण राजा और उसके भाइयों ने उसका नाम लुम्भक रखा.

Saphala Ekadashi 2024: आज सफला एकादशी पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

इसके बाद, उसके भाइयों ने उसे राज्य से निष्कासित कर दिया. फिर भी, वह नहीं माना और अपने ही नगर को लूटने लगा. एक दिन, उसे चोरी करते हुए सिपाहियों ने पकड़ लिया, लेकिन राजा का पुत्र जानकर उसे छोड़ दिया गया. इसके बाद, वह वन में एक पीपल के नीचे रहने लगा. पौष मास की कृष्ण पक्ष की दशमी के दिन, वह सर्दी के कारण अत्यंत कमजोर हो गया और उसे भोजन लाने की भी शक्ति नहीं रही. उसने कुछ फल तोड़े, लेकिन रात होने के कारण उन्हें खा नहीं सका और भगवान से कहा कि अब आप ही इसे खा लें. इस प्रकार, उसने रातभर जागकर बिताई. इस रात्रि जागरण और दिनभर भूखे रहने के कारण, उसका सफला एकादशी का व्रत हो गया.

Saphala Ekadashi 2024: आज है सफला एकादशी का व्रत, जानें इस दिन क्यों नहीं करते चावल का सेवन

उसे सफला एकादशी के प्रभाव से राज्य और पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त हुआ. इस आशीर्वाद से लुम्भक का मन सकारात्मक दिशा में अग्रसर हुआ और उसके पिता ने उसे राज्य का अधिकार सौंपा. उसे मनोज्ञ नामक पुत्र प्राप्त हुआ, जिसे बाद में राज्य की जिम्मेदारी देकर लुम्भक स्वयं विष्णु की भक्ति में लीन होकर मोक्ष प्राप्त करने में सफल रहा.

धर्म की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें