Sarkari Naukari 2024: जिन लोगों की कुंडली में सूर्य-गुरु और मंगल रहते है मजबूत, ऐसे लोगों को झटके में मिल जाती है सरकारी नौकरी

Sarkari Naukari 2024: जोतिस शास्त्र के अनुसार, तारों और ग्रहों की स्थिति जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है, जिसमें करियर चुनना भी शामिल है. सरकारी नौकरी में स्थिरता और सुरक्षा की तलाश में जुटे लोगों के लिए यह विशेष महत्व रखती है. सूर्य, गुरु और मंगल जैसे आकाशीय ग्रहों की स्थिति सरकारी सेवा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इन ज्योतिषीय संकेतों को समझना, सरकारी पदों को प्राप्त करने का मार्ग स्पष्ट कर सकता है.

By Kajal Kumari | June 26, 2024 8:21 AM

Sarkari Naukari 2024: सरकारी नौकरी में सफलता प्राप्त करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में मुख्य रूप से दशम भाव और उसके स्वामी की स्थिति का अध्ययन किया जाता है, इसके साथ ही, सूर्य, गुरु और मंगल जैसे ग्रहों की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जाती है. सूर्य आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता, गुरु ज्ञान और बुद्धिमत्ता और मंगल साहस और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन ग्रहों का शुभ प्रभाव व्यक्ति को सरकारी सेवा में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करता है. सही ज्योतिषीय उपाय और ग्रहों की स्थिति के अनुसार, व्यक्ति सरकारी नौकरी में सफलता प्राप्त कर सकता है. सरकारी नौकरी के लिए मुख्य रूप से दशम भाव एवं उसके स्वामी को देखा जाता है. सरकारी नौकरी के मुख्य कारक सूर्य, गुरु, मंगल को देखा जाता है.

जब शनि की दृष्टि से प्रभावित दशम भाव

जन्म कुंडली में दशम भाव और उसके स्वामी चंद्रमा, दोनों पर शनि की दृष्टि के कारण व्यक्ति को करियर और मानसिक स्थिरता में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. दशम भाव करियर और समाज में प्रतिष्ठा, जबकि चंद्रमा मन, भावनाएं और मानसिक संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है. शनि की दृष्टि देरी, बाधाएं और कड़ी मेहनत की मांग करती है, जिससे पेशेवर जीवन में रुकावटें और संघर्ष हो सकते हैं, और मानसिक तनाव बढ़ सकता है. इस स्थिति में, ज्योतिषीय उपाय जैसे विशेष पूजा, दान, मंत्र जाप और धैर्यपूर्वक मेहनत से इन बाधाओं को पार कर सफलता प्राप्त की जा सकती है.

शनि की दृष्टि से उत्पन्न पितृदोष और सरकारी नौकरी में बाधाएं: कुंडली में दशम भाव, उसके स्वामी चंद्रमा, और सरकारी नौकरी का कारक सूर्य, शनि की दृष्टि से पीड़ित हैं, जिससे पितृदोष उत्पन्न होता है. यह स्थिति व्यक्ति के करियर में गहरे संघर्ष और सरकारी नौकरी में सफलता प्राप्त करने में बाधाएं उत्पन्न करती है. शनि की दृष्टि के कारण देरी, रुकावटें और कड़ी मेहनत की आवश्यकता बढ़ जाती है, जिससे मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी प्रभावित होता है. पितृदोष के निवारण के लिए विशेष पूजा, दान, मंत्र जाप और सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन आवश्यक होते हैं, जिससे व्यक्ति इन बाधाओं को पार कर अपने पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है.

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सूर्य, चंद्रमा और शनि की दृष्टि से करियर और मानसिक संतुलन में आ रही हैं बाधाएं: कुंडली कितनी  भी सकारात्मक क्यों न हो, यदि वह सूर्य और चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है, तो वह लाभ की जगह नुकसान ही करेगा. दशम भाव करियर, सूर्य सरकारी नौकरी में सफलता और चंद्रमा मानसिक संतुलन का प्रतीक हैं. शनि की दृष्टि इन पर पड़ने से देरी, रुकावटें और कठिनाईयां उत्पन्न होती हैं. सही ज्योतिषीय उपाय, विशेष पूजा, दान, मंत्र जाप, धैर्य और अनुशासन से इन बाधाओं को पार किया जा सकता है और व्यक्ति अपने पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है.

शनि का फलादेश: कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में स्थित होने से  माता, भूमि, भवन, वाहन और घरेलू सुख में वृद्धि होती है, और विद्या, बुद्धि और संतान का श्रेष्ठ सुख प्राप्त होता है. हालांकि, शनि की दृष्टि षष्ठ भाव के चंद्रमा पर पड़ने से मानसिक परेशानी और शत्रुओं से संघर्ष होता है, लेकिन शत्रुओं पर विजय की संभावना भी बनी रहती है. चंद्रमा को शनि की दृष्टि से पिता, राज्य और रोजगार में कठिनाइयां होती हैं. दशम भाव के चंद्रमा की दृष्टि सूर्य पर पड़ने से पिता, सरकार और रोजगार में समस्याएं बढ़ती हैं, और शनि के कारण आमदनी में रुकावटें आती हैं. शनि की दृष्टि लग्न पर पड़ने से शारीरिक स्वास्थ्य, सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. इस प्रकार, शनि का मिश्रित प्रभाव जीवन में चुनौतियों के साथ कुछ क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि भी लाता है. ज्योतिषीय उपाय, जैसे विशेष पूजा, दान, मंत्र जाप और अनुशासन से इन बाधाओं को पार किया जा सकता है और व्यक्ति अपने मानसिक और पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है.

शनि की द्वैध भूमिका और उनके प्रभाव के उपाय: ग्रह माता, भूमि, भवन, संतान, विद्या और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में उन्नति और प्रगति का संकेत देता है, जिससे इन पहलुओं में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं. हालांकि, शनि का प्रभाव पिता, राज्य, रोजगार और सरकारी नौकरी में बाधाएं और कठिनाइयां उत्पन्न करता है, जिससे मानसिक तनाव और अनिश्चितता बढ़ सकती है. शनि की द्वैध भूमिका जीवन के कुछ क्षेत्रों में सुख और उन्नति जबकि अन्य में परेशानी और चुनौतियां लाती है. सही ज्योतिषीय उपायों, जैसे विशेष पूजा, दान, मंत्र जाप और अनुशासन से, शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम कर मानसिक और पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है.

ज्योतिषीय उपाय: कुंडली में सूर्य और चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे आत्मविश्वास, मानसिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. सूर्य का मंत्र जाप सरकारी नौकरी में सफलता दिलाता है, जबकि चंद्रमा का मंत्र मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है. शनि के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए विशेष पूजा, दान और मंत्र जाप, जैसे काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करना शुभ होता है. इन ज्योतिषीय उपायों से नौकरी में आ रही बाधाएं समाप्त हो सकती हैं और पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त हो सकती है, जिससे व्यक्ति का जीवन संतुलित और सफल बन सकता है.

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