आपके बच्चे का नहीं लग रहा है पढ़ाई में मन, तो आज सरस्वती पूजा के दिन करें ये उपाय

Sarswati Puja 2025 Upay: बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं की देवी मानी जाती हैं. इस दिन लोग मां शारदा की आराधना करते हैं ताकि वे ज्ञान की प्राप्ति कर सकें और अज्ञानता से मुक्त हो सकें. जिन छात्रों को पढ़ाई में मन नहीं लगता या जो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते, उन्हें इस दिन कुछ विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है.

By Gitanjali Mishra | February 3, 2025 8:27 AM
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Sarswati Puja 2025 Upay: हिंदू धर्म में माता सरस्वती को विद्या, बुद्धि और ज्ञान के साथ-साथ संगीत और कला ज्ञान की देवी के रूप मे पूजा जाता है.वहीं, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है.साथ ही यह तिथि देवी सरस्वती की पूजन के लिए समर्पित होती है. ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि पर ब्रह्मा जी के मुख से मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. इसलिए बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का विधान माना जाता है.

कुछ ऐसे कराएं बच्चों से पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे से देवी सरस्वती की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ अवश्य कराएं जिसे पूजा के दौरान बच्चों को मां सरस्वती को पीले फल, फूल, लड्डू अर्पित जरूर कराएं इसके साथ ही भोग के रूप में देवी को मीठे पीले चावलों का भोग लगाएं. इससे देवी प्रसन्न होकर आपके बच्चे के मानसिक विकास और ज्ञान कला का आशीर्वाद देती है.

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बुद्धि कौशल होगी तेज

बसंत पंचमी के दिन मां शारदा का वरदान प्राप्त करने के लिए अपने बच्चों के हाथों से जरूरतमंद व्यक्तियों में शिक्षा से संबंधित वस्तु जैसे किताबें और पेन आदि का दान पुण्य जरूर कराएं.इस उपाय को करने से बच्चे का वाणी दोष भी समाप्त होते है.साथ ही इससे याद करने की शक्ति में भी वृद्धि प्राप्त होती है.वहीं,आप किताबें और पेन देवी सरस्वती के चरणों में भी अर्पित करें.जिसे बच्चों के मन आध्यात्म की ओर अग्रसर हो और ज्ञान वृद्धि मे निपुण हो सके है.

करें इस मंत्र का जाप

छात्रों को बसंत पंचमी के दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को सफेद चंदन और सफेद वस्त्र अर्पित करना शुभ होता है, इसके साथ ही ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि कि इस उपाय को करने से जिन छात्रों को पढ़ाई में मन नहीं लगता है या वह दूर होती है.साथ ही छात्रों के लिए उन्नति के रास्ते खुलने लगते हैं.

छात्रों को मां सरस्वती का यह वंदना अवश्य करना चाहिए

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌

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