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Sawan 2020 Start, End Dates: कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना, जानिए क्यों किया जाता हैं महादेव का जलाभिषेक

Sawan 2020 Start Date : 06 जुलाई से भगवान शिव शंकर का महीना शुरू हो रहा है. इस बार सावन महीने की शुरुवात ही सोमवार के दिन से हो रहा है, जो भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है. वहीं, सावन की समाप्ति भी सोमवार के दिन ही हो रही है. सावन महीने की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार के दिन हो रहा है. इस बार पांच सोमवारी पड़ रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पांचवां महीना श्रावण का होता है. इन दिनों भक्तगण भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं.

By Radheshyam Kushwaha | July 4, 2020 8:43 PM

Sawan 2020 Start Date : 06 जुलाई से भगवान शिव शंकर का महीना शुरू हो रहा है. इस बार सावन महीने की शुरुवात ही सोमवार के दिन से हो रहा है, जो भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है. वहीं, सावन की समाप्ति भी सोमवार के दिन ही हो रही है. सावन महीने की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार के दिन हो रहा है. इस बार पांच सोमवारी पड़ रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पांचवां महीना श्रावण का होता है. इन दिनों भक्तगण भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं.

जानिए सावन महीने का महत्व

भगवान शिव का प्रिय महीना सावन है, इसलिए सावन के पूरे महीने शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त सावन सोमवार के व्रत रखते हैं. इस दिन को सावन की सोमवारी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं. सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से भी सावन सोमवार व्रत रखने की मान्यता है. सावन के महीने में भक्त गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, जिसके द्वारा देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है.

सावन सोमवार व्रत की तारीखें

सावन का पहला सोमवार- 06 जुलाई 2020

सावन का दूसरा सोमवार- 13 जुलाई 2020

सावन का तीसरा सोमवार- 20 जुलाई 2020

सावन का चौथा सोमवार- 27 जुलाई 2020

सावन का पांचवा सोमवार- 03 अगस्त 2020

महादेव का अभिषेक

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय हलाहल विष निकलने के बाद जब महादेव इस विष का पान करते हैं तो वह मूर्च्छित हो जाते हैं. उनकी दशा देखकर सभी देवी-देवता भयभीत हो जाते हैं और उन्हें होश में लाने के लिए निकट में जो चीजें उपलब्ध होती हैं, उनसे महादेव को स्नान कराने लगते हैं. इसके बाद से ही जल से लेकर तमाम उन चीजों से महादेव का अभिषेक किया जाता है.

सावन की पौराणिक कथा

सावन महीने के बारे में एक पौराणिक कथा है कि “जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो भगवान शिव ने बताया कि “जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था. अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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