Sawan 2024: सावन सोमवार व्रत पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं

Sawan 2024: सावन के सोमवार के दिन शिवलिंग की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर विवाह सभी समस्याएं दूर हो जाती है.

By Radheshyam Kushwaha | July 22, 2024 7:37 AM

Sawan 2024: आज सावन मास का पहला दिन है. सावन मास की शुरुआत आज से हो गई है. आज सावन मास की पहली सोमवारी व्रत है. आज शिव भक्त महादेव की पूजा अर्चना कर रहे है. देवों के देव महादेव की पूजा के लिए सावन माह को बेहद शुभ माना जाता है. सावन मास में सोमवार व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. सावन सोमवार का उपवास रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की के योग बनते हैं. इस दौरान महादेव और देवी पार्वती की एक साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है. सावन माह में चातुर्मास होने के कारण इस माह का महत्व अधिक बढ़ जाती है. इस साल पहला सावन सोमवार का व्रत 22 जुलाई 2024 यानि रखा जा रहा है, इसी दिन से ही सावन माह की शुरुआत होगी. इस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग और स्वार्थ सिद्ध योग बन रहा है. धार्मिक मान्यता है कि इस योग में शिव की पूजा और व्रत रखने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है.

पूजा की शुरुआत कैसे की जाती है?

किसी भी देवी-देवता की पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लिया जाता है , इसके बिना पूजा अधूरी रहती है. पूजा करने से पहले फर्श पर आसन बिछाएं और आसन पर बैठकर ही पूजा करना चाहिए. पूजा की शुरुआत करने से पहले सिर ढक लेना चाहिए, क्योंकि बिना सिर ढके पूजा नहीं करनी चाहिए, इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती के तस्वीर के समक्ष शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र और श्रावण मास कथा का पाठ करना चाहिए. शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर पंचामृत, जल, पुष्प, बेलपत्र, धतुरा का फल-फूल, भांग और अक्षत चढ़ाएं.

सावन सोमवार व्रत में पूजा कैसे करें?

सावन सोमवार के व्रत में शाम के वक्त भगवान शिव को अक्षत, सफेद, फूल, चंदन, भांग, धतूरा, गाय के दूध, धूप, दीप, पंचामृत, सुपारी और बेलपत्र आदि चढ़ा कर उनकी पूजा करें. अब भोले नाथ का पंचामृत से अभिषेक करें, साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें. शिव जी की आरती करें, शिव चालीसा का पाठ करें, मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. भगवान शिव को सूजी के हलवे, मालपुए, खीर और अन्य मिठाई का भोग लगाएं. महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.

सोमवार का व्रत शाम को कितने बजे खोलना चाहिए?

शिव पुराण के अनुसार सोलह सोमवार व्रत की पूजा दिन के तीसरे पहर में यानी कि 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए. सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए. व्रती को पूरे दिन शिव भक्ति कर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलना उत्तम रहता है. सावन सोमवार व्रत खोलते समय भूलकर भी तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज और मसालेदार भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.
Also Read: Nag Panchami 2024: सावन में नाग पंचमी कब है? जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

घर पर सावन में शिव पूजा कैसे करें?

सावन में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है.
प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें.
उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें.
फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं.
इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं.
आखिरी में शिवजी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें.

सावन सोमवार की पूजा में क्या क्या लगता है?

पूजन सामग्री में भोलेनाथ की प्रतिमा, कच्चा दूध गंगाजल, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, मोली, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, फूल, बेलपत्र, भांग, आक-धतूरा, कमल गट्टा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा, दक्षिणा चढ़ाया जाता है.

Next Article

Exit mobile version