Pradosh Vrat: आज है श्रावण अधिक मास का प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ समय और व्रत के 5 फायदे

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन माह और प्रदोष तिथि भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना शाम के समय प्रदोष काल में किया जाता है. जानें इस बार के प्रदोष व्रत के बारे में पूरी जानकारी

By Radheshyam Kushwaha | August 13, 2023 5:51 AM
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Sawan Pradosh Vrat 2023: प्रदोष व्रत का दिन भगवान भोले के पूजन के लिए बेहद खास होता है. प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस बार अधिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त दिन रविवार को है. यह सावन का तीसरा प्रदोष व्रत होगा. क्योंकि इस बार सावन में चार प्रदोष व्रत पड़ रहे है. सावन माह और प्रदोष तिथि भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना शाम के समय प्रदोष काल में किया जाता है. इस बार अधिक मास/ पुरुषोत्तम मास होने के कारण श्रीहरि नारायण और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने पर महादेव के साथ-साथ श्री हरि की भी कृपा प्राप्त होगी. आइए जानते है इस प्रदोष व्रत का क्या महत्व है और इस दिन कैसे भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.

रवि प्रदोष व्रत 13 अगस्त 2023 दिन रविवार पूजन समय (Pradosh vrat puja time)

  • अधिक सावन त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 13 अगस्त दिन रविवार की सुबह 08 बजकर 19 मिनट से शुरू

  • अधिक सावन त्रयोदशी तिथि का समापन- 14 अगस्त दिन सोमवार की सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर होगा.

  • प्रदोष व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त – शाम 07 बजकर 03 मिनट से 09 बजकर 12 मिनट तक

  • प्रदोष व्रत पूजन का शुभ समय कुल अवधि- 02 घंटे 09 मिनट्स

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प्रदोष व्रत करने की विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें

  • स्नान के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

  • फिर भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें

  • यदि संभव है तो व्रत -उपवास करें.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • शिव -पार्वती जी के साथ-साथ श्री गणेश की पूजा करें.

  • भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें .

  • फिर आक के फूल , बेलपत्र , धूप , दीप अक्षत , रोली , मिठाई और अन्य पुष्प आदि सभी चीजें अर्पित करें .

  • मां पार्वती को चुनरी और सुहाग सामग्री चढ़ाएं.

  • भगवान शिव की आरती करें.

  • भगवान शिव को सात्विक चीजों का भोग लगाएं.

  • इस दिन भगवान शिव जी का अधिक से अधिक ध्यान तथा उनके मंत्रों का जाप करें.

  • प्रदोष काल में पुन : स्नान करके भगवान शिव का मां पार्वती जी के साथ पूजन करें.

  • प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें, इसके बाद फलाहार ग्रहण करें.

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  • 1. प्रदोष व्रत से जीवन में हमेशा धन, सुख -समृद्धि बनी रहती है और शत्रु का विनाश और सभी संकट दूर हो जाते हैं.

  • 2. अधिक सावन मास का प्रदोष व्रत करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. शत्रु तथा ग्रह बाधा दूर होकर ग्रहों की शांति और शुभफल मिलते हैं.

  • 3. सावन मास के प्रदोष तिथि पर मात्र फलाहार लेने से चंद्र दोष से प्राप्त होने वाले बुरे प्रभाव नष्ट होकर नकारात्मकता दूर होती है.

  • 4. प्रदोष व्रत में भगवान शिव जी का उनके परिवार सहित पूजन करने से भाग्य जागृत होता है तथा पितरों का आशीर्वाद मिलता है .

  • 5. प्रदोष व्रत परम कल्याणकारी होने के कारण सावन का प्रदोष व्रत रखना बहुत ही शुभ तथा वैवाहिक जीवन के सभी सुख , संतान प्राप्ति , आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है.

सावन प्रदोष व्रत के दिन जरुर करें ये उपाय

  • सावन का प्रदोष व्रत रखने से शिव जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं.

  • सावन का प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं.

  • संतान से जुड़ी हर परेशानी दूर हो जाती है. धन लाभ के योग बनने लग जाते हैं.

  • आर्थिक संकट दूर होता है और घर में मां अन्नपूर्णा का वास बना रहता है.

  • यहां तक कि शत्रु-ग्रह बाधा भी दूर हो जाती है. ग्रह शांत और शुभ होते हैं.

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प्रदोष व्रत का महत्व

मन्यता हैं जो भी व्यक्ति सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करता है और प्रदोष व्रत रखता है. व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा बरसती है. इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में सुख शांति आती है. जीवन में चल रहा तनाव भी समाप्त होता है. इस व्रत का प्रभाव से व्यक्ति को बुरे ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है.

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