27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन का पहला प्रदोष व्रत कब, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस माह का हर दिन देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है. इस साल सावन 59 दिनों का है. इस वजह से इस बार सावन में 4 प्रदोष व्रत होंगे. पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को है.

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस माह का हर दिन देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है. इस साल सावन 59 दिनों का है. इस वजह से इस बार सावन में 4 प्रदोष व्रत होंगे. पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को है. वैसे तो साल भर में आने वाले सभी प्रदोष व्रत महादेव की पूजा के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं, लेकिन सावन के महीने में इनका महत्व और भी बढ़ जाता है. सावन का महीना और त्रयोदशी की तिथि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित हैं. ऐसे में सावन में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि शिव शंकर की पूजा के लिए बेहद खास मानी जाती है. इस दिन व्रत रखा जाता है और प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन से पहले प्रदोष व्रत की पूजा विधि और महत्व

सावन शुक्र प्रदोष व्रत 2023

पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 14 जुलाई 2023 को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है. इसकी समाप्ति 15 जुलाई 2023 को रात्रि 08 बजकर 32 मिनट पर होगी. इस दिन भगवान शिव की पूजा केवल प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए शुक्र प्रदोष व्रत 14 जुलाई को मनाया जाएगा.

सावन शुक्र प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त

शिव पूजा का समय – शाम 07:21 बजे से रात 09:24 बजे तक

अवधि- 2 घंटे 2 मिनट

Also Read: Sawan 2023 Daan: सावन के महीने में जरूर करें इन चीजों का दान, भगवान शिव की बनी रहेगी कृपा
सावन शुक्र प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि

  • सावन प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा करें.

  • इसके बाद पूजा घर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें.

  • पूरे दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-आराधना करें.

  • फिर शाम को प्रदोष काल में पूजा के समय दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें.

  • भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र पुष्प और नैवेद्य शिवलिंग पर चढ़ाएं.

  • इसके बाद भगवान शिव की मूर्ति के पास दीपक जलाकर प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। अंत में भगवान शिव की आरती करके पूजा समाप्त करें.

Also Read: Sawan Rashifal 2023: राशि के अनुसार करें भगवान भोलेनाथ की पूजा, बनी रहेगी कृपा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें