Sawan Purnima 2024: आज श्रावण पूर्णिमा पर करें ये दस प्रकार के स्नान, मिलेगा पुण्य

Sawan Purnima 2024: आज 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है. इश दिन स्नान और दान का काफी महत्व है.

By Shaurya Punj | August 19, 2024 10:46 AM

Sawan Purnima 2024: श्रावण मास की पूर्णिमा, आज 19 अगस्त 2024, सोमवार को है, रक्षाबंधन के पावन अवसर पर विशेष महत्व रखती है. इस दिन वेदों में बताए गए दस प्रकार के स्नान का विशेष उल्लेख है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.

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  1. भस्म स्नान: यज्ञ की भस्म का उपयोग इस स्नान में किया जाता है. यदि यज्ञ की भस्म उपलब्ध न हो, तो गौचंदन धूपबत्ती का भस्म भी प्रयोग किया जा सकता है. यह स्नान शरीर और आत्मा की पवित्रता के लिए किया जाता है.
  2. मृत्तिका स्नान: इस स्नान में पवित्र मिट्टी का उपयोग किया जाता है, जो शरीर की शुद्धि के साथ मानसिक शांति प्रदान करता है.
  3. गोमय स्नान: गोमाता के गोबर और गोझरण से स्नान करने को गोमय स्नान कहा जाता है. इसे भक्तिरूपी लक्ष्मी का वास माना जाता है, जिससे भक्तिरूपी संपदा बढ़ती है.
  4. पंचगव्य स्नान: इस स्नान में गाय का गोबर, गोमूत्र, दूध, दही और घी का उपयोग किया जाता है. यह शरीर को स्वस्थ और बलवान रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
  5. गोरज स्नान: गायों के खुर की मिट्टी का उपयोग इस स्नान में किया जाता है, जो महापातक नाशक माना जाता है.
  6. धान्य स्नान: गेहूं, चावल, जौ, चना, तिल, उड़द और मूंग का उपयोग इस स्नान में किया जाता है. इसे सप्तधान्य स्नान भी कहा जाता है, जो पूर्णिमा के दिन किया जाता है.
  7. फल स्नान: फल के रस का उपयोग इस स्नान में किया जाता है, जिसमें आँवला विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है. इसे करने से जीवन में अनंत फल की प्राप्ति होती है.
  8. सर्वोषौधि स्नान: आयुर्वेदिक औषधियों जैसे दूर्वा, सरसों, हल्दी, बेलपत्र का उपयोग कर स्नान किया जाता है. यह स्नान इन्द्रियों और मन को पवित्र करता है.
  9. कुशोधक स्नान: कुश की पवित्रता को मान्यता देते हुए, इसे पानी में मिलाकर स्नान किया जाता है. इससे मलिन विचारों का नाश होता है.
  10. हिरण्य स्नान: सोने के गहनों का उपयोग कर स्नान किया जाता है, जिसे बहुत पवित्र माना जाता है.

श्रावण मास की पूर्णिमा पर इन दस स्नानों का महत्व बताते हुए वेदों में कहा गया है कि इस दिन किए गए स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. भक्तों को इस पवित्र अवसर पर शास्त्रों में वर्णित विधियों का पालन करना चाहिए.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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