Sawan Second Somwar 2024 Date: सावन का दूसरा सोमवार व्रत 29 जुलाई को पड़ रहा है. सावन सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है. सावन के महीने में भक्त हर सोमवार का व्रत रखते हैं . पहला सावन सोमवार 22 जुलाई को था. अब दूसरा सावन सोमवार का व्रत आने वाला है. इस बार श्रावण में 5 सावन सोमवार व्रत हैं, जिसकी वजह से भी सावन का महीना महत्वपूर्ण हो गया है. धार्मिक मान्यता है कि सावन महीने के सोमवार को भगवान शिव की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
दूसरा सावन सोमवार 2024 मुहूर्त और योग
श्रावण मास का दूसरा सावन सोमवार व्रत 29 जुलाई को है. इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह से लेकर शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है. उसके बाद से षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी. सावन के दूसरे सोमवार पर भरणी नक्षत्र सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद से कृत्तिका नक्षत्र शुरू हो जाएगा. वहीं गण्ड योग सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, फिर वृद्धि योग प्रारंभ होगा. उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक है. अमृत काल का समय 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस दिन कालसर्प दोष निवारण की पूजा राहुकाल में शिव मंदिर में करते हैं. सावन के दूसरे सोमवार पर राहुकाल सुबह 07 बजकर 23 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है.
दूसरा सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने का सही समय
सावन के प्रत्येक दिन आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं. क्योंकि सावन का प्रत्येक दिन शिव पूजा के लिए समर्पित है. वैसे रुद्राभिषेक के दिन सावन सोमवार बहुत ही उत्तम दिन है. रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है. दूसरे सावन सोमवार के दिन शिववास सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद शिववास क्रीड़ा में है.
सावन सोमवार पर क्या करें?
- सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधि विधान से पूजा करें.
- सावन महीने के दूसरे सोमवार पर स्नान-ध्यान के पश्चात, गंगाजल या कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
- यदि श्रावण मास में पूरे माह शिव पूजा नहीं कर सकते हैं तो सावन सोमवार पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक जरूर करें.
- सावन सोमवार के अवसर पर शिव मंत्रों का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें.
- अपने मनोकामनाओं की पूर्ति और नवग्रहों की शांति के लिए सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करा सकते हैं.