Sawan Somvar 2020: आज है सावन मास की दूसरी सोमवारी, ऐसे करें भोलेनाथ और माता पर्वती की पूजा, होगी सभी मनोकामनाएं पूरी
Sawan Somvar 2020: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. कल सावन मास का दूसरा सोमवार है. सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. सावन में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं. वहीं, अविवाहित महिलाएं भी पार्वती और शिव जी की आराधना पूरे महीने करती हैं साथ ही सोमवार का व्रत भी रखती है.
Sawan Somvar 2020: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. आज सावन मास का दूसरा सोमवार है. सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. सावन में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं. वहीं, अविवाहित महिलाएं भी पार्वती और शिव जी की आराधना पूरे महीने करती हैं साथ ही सोमवार का व्रत भी रखती है. मान्यता है जो भी सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखती है उसका विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है. आइए जानते हैं सावन सोमवार का व्रत रखते समय क्या -क्या करना चाहिए…
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
– सावन के महीने में सुबह जल्दी उठना चाहिए.
– सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया करने के बाद नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करना चाहिए.
– नहाने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना ना भूले साथ ही जल में हल्दी और अक्षत भी डालें.
– इसके बाद शिवलिंग पर जल और गंगाजल अर्पित करें.
– गंगाजल के साथ दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक किया जाता है.
– जलाभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए.
– पूजा सामग्रियों में सफेद फूल, बिल्व पत्र, मदार के फूल, शमी के पत्ते, भांग और धतूरा को जरूर शामिल करना चाहिए.
– पूजन करते समय जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है. इसलिए लगातार महामृत्युंजय मंत्र, भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र या अन्य मंत्रों को जरूर जपें.
– भगवान शिव की पूजा माता पार्वती संग करना चाहिए.
– पूजा के अंत में शिव आरती या शिव चालीसा का पाठ जरूर करें.
शिव पूजा सामग्री
शिवजी की पूजा के समय उनके पूरे परिवार अर्थात शिवलिंग, माता पार्वती, कार्तिकेयजी, गणेशजी और उनके वाहन नन्दी की संयुक्त रूप से पूजा की जानी चाहिए. याद रहे भगवान शिवजी की पूजा में गंगाजल का उपयोग जरूर करें. महादेव की पूजा में लगने वाली सामग्री में जल, दूध, दही, पंचामृत, कलावा, वस्त्र,चीनी, घी, शहद, जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बिल्वपत्र, दूर्वा, फल, विजिया, आक, धूतूरा, कमल−गट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, भांग, धूप, दीप का इस्तेमाल किया जाता है.
News posted by : Radheshyam kushwaha