शनि देव हुए वक्री, कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का कष्टकारी समय शुरू, इन राशियों पर साढ़ेसाती का कष्टमय चरण
Shani Sade Sati And Dhaiya 2023: शनि देव वक्री चाल चल रहे है. शनि देव की मकर और कुंभ इसकी स्वयं की राशि है और यह तुला में उच्च का एवं मेष में नीच का होता है. शनि की महादशा, साढ़ेसाती ढैय्या आदि में शनि ग्रह अच्छा या बुरा परिणाम देता है.
Shani Sade Sati And Dhaiya 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि देव की चाल में बदलाव होता है तो कुछ लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है, तो कुछ लोगों को साढ़ेसाती- ढैय्या से मुक्ति मिलती है. आपको बता दें कि जनवरी में शनि देव ने अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में गोचर किया है. इसके बाद शनिदेव जून में वक्री हुए हैं, जिससे कुछ राशियों पर शनि देव की साढे़साती और ढैय्या का कष्टकारी चरण शुरू हुआ है. जिससे इन राशियों के लोगों को सेहत और धन के मामले में थोड़ा सावधान रहना चाहिए.
शनि दोष का प्रभाव
बृहस्पति के बाद शनि ग्रह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है. मकर और कुंभ इसकी स्वयं की राशि है और यह तुला में उच्च का एवं मेष में नीच का होता है. शनि की महादशा, साढ़ेसाती ढैय्या आदि में शनि ग्रह अच्छा या बुरा परिणाम देता है. वहीं कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ हो तो व्यक्ति को जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है. उसे सफलता मिलने में देरी होती है. जातक को धन की हानि भी होती है. ऐसे लोगों में जीवन शक्ति कम होने लगती है. अगर कुंडली में साढ़ेसाती हो या शनि दोष हो तो जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शनि दोष के सेहत पर असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ हो तो इसका असर सेहत पर भी पड़ता है. व्यक्ति बीमार रहने लगता है. आंखे भी कमजोर हो जाती हैं. बाल झड़ने लगते हैं. कुछ लोगों को पेट की समस्या भी हो जाती है. वहीं शनि के अशुभ प्रभाव से नौकरी में भी संघर्ष करना पड़ता है. शनि से प्रभावित व्यक्ति का स्वभाव धीरे-धीरे बदलने लगता है. ऐसा व्यक्ति झूठ बोलने लग जाता है. शनि के दुष्प्रभाव के कारण धर्म-कर्म पर व्यक्ति का विश्वास नहीं रहता है. उसे अकारण क्रोध आ जाता है. शनि ग्रह खराब हो तो कभी-कभी व्यक्ति बिना कुछ करे ही झूठे इल्जाम में फंस जाता है.
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इन राशियों पर ढैय्या का कष्टकारी समय
वैदिक पंचांग के अनुसार शनि देव कुंभ राशि में वक्री चाल चल रहे है. जिसके कारण कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों पर कष्टकारी समय शुरू हो गया है. क्योंकि शनि देव कर्क राशि वालों की गोचर कुंडली में आठवें और वृश्चिक राशि के जातक की गोचर कुंडली में चतुर्थ स्थान में भ्रमण कर रहे हैं. जिससे इस समय आपको सेहत को लेकर परेशानी बढ़ने की संभावना बनी रहेगी. इसके साथ ही किस्मत का साथ नहीं मिलेगा. वहीं माता के स्वास्थ्य का भी आपको ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान आप लोगों को पैरों और घुटनों से संबंधित परेशानी हो सकती है. इस समय आपको धन के मामले में थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. प्रतियोगी छात्रों को इस समय थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा.
इन राशियों पर साढ़ेसाती का कष्टमय चरण
कर्मफल दाता शनि देव के कुंभ राशि में उल्टी चाल चलते ही मीन राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हो गया है. इसके साथ ही पहला चरण है, इसलिए मीन राशि वाले जातक इस समय कोई गतल डिसीजन ले सकते हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य को लेकर परेशानी हो सकती है. वहीं इस समय आपके फिजूल खर्चे हो सकते हैं. इस वक्त आप सेविंग नहीं कर पाएंगे. इस समय आपको नया काम शुरू करने से बचना चाहिए, नहीं तो हानि होगी.
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शनि दोष के 10 लक्षण
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– समयपूर्व ही आंखें खराब होना, सिर के बाल झड़ना और कनपटी में दर्द बना रहना.
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– अचानक आग लग सकती है या कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है.
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– मकान बन जाता है तो उसका कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो सकता है.
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– बनते काम बिगड़ सकते हैं. बहुत मेहनत करने के बाद भी उसका थोड़ा ही फल मिलता है.
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– धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है. लगातार पैसों का नुकसान होना है.
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– जातक को शराब की लत लग जाती है. जुआ और सट्टे खेलना शुरु कर देता है.
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– आपके घर के पालतू काले जानवर (जैसे- काला कुत्ता या भैंस) की मृत्यु हो सकती है.
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– कोई झूठा आरोप लग सकता है, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.
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– नौकरीपेशा लोगों को ऑफिस में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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– कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है जो आपसे आपकी क्षमता से अधिक काम करवाता है और आपको उस काम का श्रेय भी नहीं मिलता.