Shani Dosh Upay: शनिदेव की पूजा के समय इन बातों का रखना चाहिए ध्यान, जानिए शनि दोष कम करने के लिए विशेष उपाय
Shani Dosh Upay: ग्रहों की खराब दशा अच्छे-अच्छे को अर्श से फर्श पर ला देती है. इनसे ना सिर्फ आपके घर में कलेश बढ़ता है बल्कि खराब ग्रह जीवन से सारी खुशियां समाप्त कर देते हैं. इसीलिए कई लोग अपने इन ग्रहों को शांत रखने के लिए तमाम उपाय करते हैं. शनि देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि वह सभी के कर्मों का फल देते हैं. कोई भी बुरा काम उनसे छिपा नहीं रहता है.
Shani Dosh Upay: ग्रहों की खराब दशा अच्छे-अच्छे को अर्श से फर्श पर ला देती है. इनसे ना सिर्फ आपके घर में कलेश बढ़ता है बल्कि खराब ग्रह जीवन से सारी खुशियां समाप्त कर देते हैं. इसीलिए कई लोग अपने इन ग्रहों को शांत रखने के लिए तमाम उपाय करते हैं. शनि देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि वह सभी के कर्मों का फल देते हैं. कोई भी बुरा काम उनसे छिपा नहीं रहता है.
शनिदेव हर एक बुरे काम का फल मनुष्य को जरूर देते हैं. व्यक्ति द्वारा जानें और अंजाने में की गई गलतियों पर शनिदेव अपनी नजर रखते हैं. इसीलिए उनकी पूजा का बहुत महत्व है. हर शनिवार शनि देवता कि पूजा की जाती है. मान्यता है कि अगर पूजा सही तरीके से की जाए तो इससे शनिदेव की असीम कृपा मिलती है और ग्रहों की दशा भी सुधरती है. यहां जानिए कि हर शनिवार शनिदेव की पूजा कैसे की जाती है…
ये करें उपाय
कभी भी शनि महाराज की पूजा उनकी मूर्ति के सामने नहीं करना चाहिए. शनिदेव की पूजा वहीं करें जहां उनकी शिला मौजूद हो. प्रतीक रूप में शमी या पीपल के पेड़ की पूजा करना भी लाभकारी माना गया है. इसके अलावा, मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से भी दंड के स्वामी खुश होते हैं. ऐसा माना जाता है कि काले कुत्ते को घी की रोटी खिलाने से, जरूरतमंदों को दान देने से और उड़द दाल का दान करने से भी शनि महाराज प्रसन्न होते हैं.
इस तरह की जाती है शनि देव की पूजा
1. सबसे पहले पीपल के पेड़ पर कच्चा दूध चढ़ाएं.
2. दूध चढ़ाने के बाद पेड़ की सात बार परिक्रमा करें.
3. परिक्रमा करने के बाद सूर्य देव और भगवान शिव की पूजा करें.
4. पेड़ पर चढ़ाए हुए दूध या साथ ले गए लोटे से पानी को दोनों नेत्रों पर लगाएं.
5. नेत्रों पर लगाने के बाद ‘पितृ देवाय नम:’ मंत्र का जाप करें.
6. ये पूजा सूर्योदय से पहले हो तो अधिक लाभ मिलता है.
1. हर शनिवार मंदिर में सरसों के तेल का दीया जलाएं. ध्यान रखें कि यह दीया उनकी मूर्ति के आगे नहीं बल्कि मंदिर में रखी उनकी शिला के सामने जलाएं और रखें.
2. अगर आस-पास शनि मंदिर ना हो तो पीपल के पेड़ के आगे तेल का दीया जलाएं. अगर वो भी ना हो तो सरसों का तेल गरीब को दान करें.
3. शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें.
4. भेंट के बाद शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का जाप करे.
5. शनि पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करें. उनकी मूर्ति पर सिन्दूर लगाएं और केला अर्पित करें.
6. शनिदेव की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें: ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
News Posted by: Radheshyam kushwaha