Shani Pradosh Vrat 2024: कल रखा जाएगा साल का आखिरी शनि प्रदोष व्रत, यहां से जानें पूजा विधि

Shani Pradosh Vrat 2024: साल का अंतिम प्रदोष शनिवार को आ रहा है. इस अवसर पर इसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन आप भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ शनि देव की भी पूजा कर सकते हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैय्या है, उन्हें विशेष रूप से शनि प्रदोष का व्रत करना चाहिए.

By Shaurya Punj | December 27, 2024 5:15 AM

Shani Pradosh Vrat 2024:  साल का अंतिम प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाएगा. प्रदोष व्रत की पूजा संध्या समय में की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की इच्छाएं पूरी होती हैं. पौष मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर यह व्रत आयोजित किया जाएगा. आइए प्रदोष पूजा की विधि, उपाय और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं.

कल रखा जाएगा शनि प्रदोष व्रत

पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को रात 02 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 29 दिसंबर को रात 03 बजकर 32 मिनट पर होगा. इस प्रकार, 28 दिसंबर को वर्ष का अंतिम प्रदोष व्रत आयोजित किया जाएगा. चूंकि यह दिन शनिवार है, इसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाएगा.

Sarkari Naukri Ke Upay: सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का करें जाप, मिल सकती है सफलता

शनि प्रदोष के दिन पूजा करने की विधि

स्नान के उपरांत स्वच्छ वस्त्र पहनें. शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिपूर्वक पूजा करें. यदि व्रत का पालन करना है, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें. संध्या के समय, घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीप जलाएं. इसके बाद, शिव मंदिर या अपने घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें. इसके पश्चात, शनि प्रदोष व्रत की कथा सुनें. फिर, घी के दीपक से पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें. अंत में, ॐ नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें और क्षमा प्रार्थना भी करें.

धर्म की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

शनि प्रदोष व्रत का महत्व

शनि प्रदोष व्रत 2024 का यह अवसर विशेष रूप से शनि और भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है. इस दिन की पूजा से शनि के द्वारा उत्पन्न कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त, भगवान शिव की आराधना से सभी प्रकार के संकटों का समाधान होता है.

Next Article

Exit mobile version