Shani Pradosh Vrat 2024: आज एकादशी व्रत पारण के बाद भी रख सकेंगे शनि प्रदोष का व्रत, जानें ज्योतिषाचार्य से सबकुछ

Shani Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में हर महीना के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है और उसी दिन देवों के देव महादेव की पूजा उपासना भी की जाती है. लेकिन इस बार एकादशी व्रत का पारण और प्रदोष व्रत एक ही दिन है. अब लोग दूविधा में है कि एकादशी व्रत पारण और प्रदोष व्रत कैसे किया जाएगा. आइए इस दूविधा को दूर करने के लिए ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पाराशर से जानते है सबकुछ

By Radheshyam Kushwaha | April 6, 2024 5:22 PM

Shani Pradosh Vrat 2024: आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. आज शनि प्रदोष की पूजा की जाएगी. प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने के कारण शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है. इस बार शनि प्रदोष का व्रत 6 अप्रैल यानी आज रखा जा रहा है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और शनिदेव की उपासना की जाती है. शनि त्रयोदशी के दिन पूजा और व्रत रखने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. शास्त्रों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत करने से मनुष्य को लंबी आयु के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान शिव के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं और अंत में वह सभी सुखों को भोगकर मोक्ष प्राप्त करता है…

शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त कब है

ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पाराशर ने बताया कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 6 अप्रैल यानी आज सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी, इससे पहले द्वादशी तिथि रहेगी. त्रयोदशी तिथि का समापन 7 अप्रैल यानी कल सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर होगा. शनि प्रदोष के पूजन का मुहूर्त आज शाम 6 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. वहीं जो लोग पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखे हैं, वे लोग द्वादशी तिथि में आज 10 बजकर 15 मिनट से पहले पारण कर लें. इसके बाद जो लोग प्रदोष व्रत रखना चाहते है वे प्रदोष व्रत रख सकते है. एकादशी व्रत का पारण करने के बाद त्रयोदशी तिथि में प्रदोष व्रत रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा कर सकते है. इसमें किसी प्रकार की भ्रमित होने की जरूरत नहीं है.

शनि प्रदोष व्रत की पूजा सामग्री

प्रदोष व्रत पूजा के लिए लाल या पीला गुलाल, अक्षत, कलावा, चिराग, फल, फूल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, बेलपत्र, धागा, कपूर, धूपबत्ती, घी, गुड़, शक्कर, गन्ने का रस, गाय का दूध, अबीर, धतूरा, भांग, जनेऊ, अगरबत्ती, दीपक, आक के फूल, 5 प्रकार के मौसमी फल आदि सभी सामग्री एकत्रित कर लें.

Saptahik Rashifal: इस सप्ताह मेष-मिथुन समेत इन 5 राशि वालों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन का योग, पढ़ें वीकली राशिफल

प्रदोष की पूजा विधि

  • भगवान शिव को भांग, धतूरा, फल, फूल, मदार के पत्ते, बेल पत्र, नैवेद्य आदि चीजें अर्पित करें
  • इसके बाद विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करें.
  • भगवान शिव का जलाभिषेक करें और उन्हें बेलपत्र, अक्षत, सफेद चंदन, धूप, दीप, मिष्ठान इत्यादि अर्पित करें.
  • पूजा के समय शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होता है.
  • शिव के बीज मंत्र ओम नमः शिवाय का 108 बार जाप करें
  • इसके बाद भगवान भोलेनाथ की आरती करें.

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे

यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

Next Article

Exit mobile version