Loading election data...

Shani Sade Sati Dhaiya Upay: शनि के साढ़ेसाती और ढैया से ये उपाय दिलाएगी मुक्ति, करें ये उपाय

Shani Sadesati upay: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान जातक कई प्रकार के कष्ट भोगता है. यहां जानें कैसे दूर करें शनि दोष

By Shaurya Punj | July 27, 2024 8:28 AM

Shani Sade Sati Dhaiya Upay: सावन मास भगवन शिव के पूजन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. भगवन शिव का पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होता है. सावन मास भगवन शिव के पूजन से आपके ऊपर बने हुए कई ग्रहों के अशुभ प्रभाव को समाप्त कर सकते है यह मास का अधिपति शिव है जिसे इस माह में भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे. वहां पर उनका स्वागत जलाभिषेक से किया गया. यही कारण है भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक करना बहुत जरूरी होता है.

भू लोक में जब भी असुरों से परेशानी बनी तब भगवान शिव सभी कष्ट दूर किए शास्त्र में वर्णित यह है, की सावन महीने में भगवन विष्णु योगनिन्द्रा में चले जाते है इसलिए यह समय भक्त,साधू संत सभी के लिए बहुत ही अमूल्य समय होता है. पूरे चार महीने में होने वाला यह वैदिक युग होता है इस चार महीने का उत्तरदायित्व शिव के पास रहता, इसलिए यह माह ग्रह दोष दूर करने के लिए कल्याणकारी महीना होता है.ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा के अनुसार जनमानस में फैले चाहे शनि की साढ़ेसाती हो या ढैया उनका प्रभाव शिव पूजन से कम हो जाता है.

Sawan Masik Kalashtami 2024: सावन माह में इस दिन है कालाष्टमी, भगवान काल भैरव की आराधना का शुभ अवसर

Shani Sade Sati Dhaiya Upay: जन्मकुंडली में कैसे बनता है शनि की साढ़ेसाती या ढैया

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जन्मकुंडली के गोचर में जन्म राशि से बारह भाव में भ्रमण करने लगता है, तब शनि की साढ़ेसाती आरम्भ हो जाता और गोचर में दुसरे भाव में शनि आते तब तक रहता है. वास्तव में देखा जाय 45 अंश से 45 अंश के बाद तक जब भ्रमण करता है, तब उनकी साढ़ेसाती रहती है. इसी तरह जन्मकुंडली में गोचर में चतुर्थ भाव या अष्टम भाव में शनि के विराजमान होने से शनि का ढैया आरम्भ हो जाता है.

Shani Sade Sati Dhaiya Upay: किन -किन राशि पर चल रहा है साढ़ेसाती तथा ढैया का प्रभाव

वर्तमान में शनि कुम्भ राशि में विराजमान है मकर राशि और कुम्भ,मीन राशि वाले को साढ़ेसाती चल रहा है शनि के ढैया का प्रभाव कर्क, वृश्चिक राशि पर बना हुआ है.

Shani Sade Sati Dhaiya Upay: जाने शनि का दृष्टि का प्रभाव कैसा होता है

शनि जिस भाव में बैठते है उनका दृष्टी कई जगह पर बनता है तीसरा,सातवा,और दशम दृष्टी होता है ऐसा माना जाता है शनि जहा बैठते है उस भाव से संबंधित प्रभाव को लाभ देते है लेकिन जिस भाव पर उनका दृष्टि पड़ता है उस भाव से संबंधित प्रभाव को नाश करते है हालाकि यह देखना जरूरी होता है शनि कहा पर बैठे है उनका दृष्टी किस भाव पर बन रहा है उस भाव के स्वामी शनि के मित्र है या शत्रु है अगर शत्रु है प्रभाव बहुत ही कष्टकारी होता है अगर मित्र राशि में हो प्रभाव अनुकूल पड़ता है.

Shani Sade Sati Dhaiya Upay:शनि के लक्षण और उपाय

शनि का प्रभाव कैसा मिलेगा यह आपके जन्मकुंडली के किस भाव में शनि है. उसी अनुसार आपको फल देते है. जन्मकुंडली बिना दिखाए आप समझ सकते है. शनि आपको कैसा प्रभाव दे रहे है शुभ है प्रतिकूल है जान सकते है घर के अधिकांश सदस्य बीमारी से ग्रस्त रहे,घर में अचानक आग लग जाए,आपको समाज में बार बार अपमानित होना पड़ता है,व्यापार नहीं चल रहा है,घर में मांसाहारी या मादक पदार्थ के प्रति रुझान बढ़ जाता है,पारिवारिक कलह बढ़ जाता है,पैर में तकलीफ बढ़ जाए ,आपका चप्पल चोरी हो जाए ,अकारण लम्बी यात्रा करनी पड़े ,घर के दीवार का कोई भाग अचानक से गिर जाए या घर की निर्माण में अचानक खर्च बढ़ जाए,नौकरी में परेशानी आने लगे,अधिकारी के साथ सम्बन्ध ठीक नहीं हो ,अचानक आपका नौकरी से तबादला हो जाए झूठ बोलना बढ़ जाता है परिवार के सदस्यो के साथ दूरी बढ़ जाती है.

Shani Sade Sati Dhaiya Upay: उपाय

सावन मास में भगवन शंकर का पूजन करे ,दूध से अभिषेक करें.

यदि आपको शनि की महादशा चल रहा हो इस अवस्था में सावन मास में महामृत्युंजय मंत्र जाप करवाए बहुत ही कल्याणकारी होगा.

सावन मास में मिट्टी से बने भगवन शंकर का लिंग स्थापित करके अभिषेक करने से शनि के साढ़ेसाती से लाभ मिलता है .
सावन मास में भगवन शिव को शहद मिश्रित गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से पारिवारिक काष्ठ दूर होता है तथा मन प्रसन्न रहता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Exit mobile version