Shardiya Navratri 2024: शुरू होने वाली है नवरात्रि, नौ दिनों तक होगी माता के इन स्वरूपों की पूजा

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के आरंभ होते ही सभी घरों में दुर्गा पाठ आरम्भ हो जाता है.माता के अलग अलग रूप का पूजन किया जाता है. आइए जानें नवरात्रि के ज्योतिषिय महत्व के बारे में

By Shaurya Punj | September 26, 2024 3:39 PM

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में जगत जननी मां भगवती का पूजन किया जाता है.ऐसे में वर्ष में चार नवरात्रि मनाया जाता है दो गुप्त नवरात्रि और दो सार्वजानिक तौर पर किया जाता है. पहला चैत्र माह में बसंत नवरात्रि में किया जाता है,दूसरा आषाढ माह में गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है तीसरा शारदीय नवरात्रि जो आश्विन मास में मनाया जाता है.चौथा माघ माह में मनाया जाता है जिसे गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है इन चारो नवरात्री का अलग अलग महत्व है लेकिन शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है.पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्लपक्ष के एकम प्रतिपदा तिथि से आरम्भ होता है और पूरे नव दिन तक चलता है. नवरात्रि मानसिक शारारिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है.

नवरात्रि पूजा से वातावरण होता है शुभ

नवरात्रि व्रत का मूल उद्देश्य होता है इन्द्रियों का संयम और अध्यात्मिक शक्ति का संचय अतः यह भी कह सकते है नवरात्रि में पूजन करने से वातावरण भी शुद्ध हो जाता है.नवरात्रि का पर्व करने वाले को अपने अन्दर की उर्जा का जागृत करना नवरात्रि पर्व का मुख्य उद्देश्य होता है. इस समय प्रकृति में अलग से एक उर्जा का निर्माण होता है इस व्रत में कुछ ऐसी चीजों को परहेज करते है कुछ को नया तरीके से अपनाते भी है. इस समय वर्षा ऋतु के समाप्त तथा शरद ऋतू के आरंभ होता है जो प्राकृतिक में भी बदलाव दिखाई देता है.

मां के इन नौ रूपों की होती है पूजा


नवरात्रि के आरंभ होते ही सभी घरों में में दुर्गा पाठ आरम्भ हो जाता है.माता के अलग अलग रूप का पूजन किया जाता है.पहला दिन शैलपुत्री.दूसरा दिन ब्रह्मांचारणी, तीसरा दिन चंद्रघंटा ,चौथा दिन कुष्मांडा, पांचवा दिन स्कंदमाता, छठा दिन कत्यानी ,सातवा दिन कालरात्रि, आठवा दिन महागौरी, नवा दिन सिद्धिदात्री माता का पूजन किया जाता है, मां दुर्गा के साथ भगवन राम का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है.

असत्य पर सत्य की जीत


मान्यता यह है भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध में जाने से पहले मां भगवती का पूजन करके युद्ध में गए थे क्योंकि रावण और राम में युद्ध हुआ था जिसमे राम की जीत हुई थी. असत्य पर सत्य की जीत हुआ है.इस के दिन घर पर आम के पते का तोरण लगाने से परिवारिक शान्ति बनी रहती है. घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाएं फिर माता के पूजा श्रद्धा के साथ करें.

शारदीय नवरात्रि नवरात्रि का धार्मिक महत्व क्या है ?

शारदीय नवरात्रि में माता का पुजन करने का प्रभधान दुर्गासप्तशी के पाठ में बताया गया है शरद ऋतु में जो लोग वर्षिक माता की पूजा करने से तथा दुर्गासप्तशी के पाठ श्रद्धा भक्ति से पाठ करने से सभी बाधाओं से मुक्त तथा तथा धन धान्य से से परिपूर्ण होते है शरदीय नवरात्रि बैदिक काल से मनाया जाता है.

शरदीय नवरात्रि का ज्योतिषिय महत्व

शरदीय नवरात्रि में माता का पूजन करने से चंद्रमा से सम्बन्धित दोष दुर होता है. आपके जन्मकुंडली में चंद्रग्रहण बना हों, चंद्रमा तथा शनि की युति बन गया है जिसे विषयोग का निर्माण होता है.इस अवस्था में शरदीय नवरात्रि में माता का पुजन करने से ग्रह दोष दूर होते है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Next Article

Exit mobile version