Shardiya Navratri Day 6, Katyayani Mata Katha: नवरात्रि के छठे दिन करें माता कात्यायनी की कथा का पाठ
Shardiya Navratri Day 6, Katyayani Mata Katha: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की कथा सुनने से भक्त को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
Shardiya Navratri Day 6, Katyayani Mata Katha: शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा अर्चना से विवाह में आ रही परेशानी दूर हो जाती है. आइए जानते हैं नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के कथा पाठ के बारे में
कात्यायनी माता की कथा
ऋषि कात्यायन देवी दुर्गा के अत्यंत श्रद्धालु भक्त थे. उन्होंने मां दुर्गा की आराधना के लिए कई वर्षों तक कठोर तप किया. उनकी तपस्या से संतुष्ट होकर मां दुर्गा ने उन्हें दर्शन दिए और ऋषि से यह वरदान मांगा कि वे उनकी पुत्री के रूप में अवतरित हों.
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पुराणों में मां को अजन्मा बताया गया है, फिर भी मां ने ऋषि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी इच्छा को पूरा करने का आश्वासन दिया और उनके घर में पुत्री के रूप में प्रकट हुईं.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, विवाह से पूर्व पुत्री को पिता के गोत्र से पहचाना जाता है और विवाह के बाद उसे पति के गोत्र से जाना जाता है.
मां कात्यायनी ने ऋषि कात्यायन की इच्छा को पूरा किया और वे अपने सम्पूर्ण जीवन में अपने पिता के गोत्र से ही जानी गईं.
मां कात्यायनी अमोघ फल प्रदान करने वाली हैं. भगवान कृष्ण को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए ब्रज की गोपियों ने मां कात्यायनी की आराधना की थी. यह आराधना यमुना नदी के किनारे की गई थी. इसी कारण से मां को ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में माना जाता है.