Shattila Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को खुश करने के लिए षटतिला एकादशी का व्रत बहुत उत्तम और शुभ माना गया है. इस दिन व्रती उपवास करते हैं और पूजा नियमों का पालन करते हैं, ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन उपवास को रखते हैं उनपर भगवान विष्णु की कृपा सदैव के लिए बनी रहती है, साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं.
षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी व्रत 24 जनवरी को शाम 07 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी, साथ ही, इस तिथि का समापन अगले दिन 25 जनवरी को रात 08 बजकर 31 मिनट पर होगा, सनातन धर्म में कोई भी तिथि सूर्योदय के बाद मानी जाती है, इसलिए इस बार एकादशी का व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा.
षटतिला एकादशी व्रत के दिन इन चीजों के सेवन से करें परहेज
षटतिला एकादशी के दिन इन चीजों का जरूर लगाएं भोग
तिल के लड्डू का भोग– षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तिल के लड्डू का भोग लगाना अत्यंत लाभदायक माना जाता है ,क्योंकि माघ माह में तिल के भोग का महत्व शुभ माना जाता है इस तिथि पर विष्णु जी को तिल के लड्डू चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और साथ ही कष्ट का निवारण होता है.
पंचामृत का भोग- भगवान विष्णु को पंचामृत का प्रसाद सभी पूजा-अनुष्ठान में अवश्य चढ़ाना चाहिए, साथ ही इसे चढ़ाने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं.पंचामृत गाये के पांच तत्वों से बनता है,जैसे: दूध, दही, घी, गौअर्क,मधु से बनते है, क्योंकि इसके बिना उनका भोग पूर्ण नहीं माना जाता है, गाय को श्री हरि का रूप भी माना जाता है.
पंजीरी का भोग – षटतिला एकादशी पर नारायण को पंजीरी का भोग लगाने से सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, साथ ही घर में और आर्थिक स्थिति में बरकत आती है.
पंचमेवा का भोग – षटतिला एकादशी के दिन श्री हरि को पांच मेवों का भोग लगाने से आपके जीवन सुखमय होता है साथ ही श्री हरि का अभय वरदान प्राप्त होता है, पंचमेवा जैसे: काजू, किशमिश,बादाम,पिस्ता, अखरोट आदि.
पांच अनाजों का भोग – ज्योतिष शास्त्र में पांच प्रकार के अनाजों का वर्णन होता है जो वनस्पति अनाजों मे शामिल होते हैं जैसे: गेहूं, मक्का, चावल, जौ और राई,इन 5 प्रकार के अनाजों को षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को अर्पित करने से घर में मौजूद आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और धन-ऐश्वर्य में वृद्धि होती है.
पंचफलों का भोग- भगवान विष्णु को पांच प्रकार के फलों जैसे: सेव, संतरा, नाशपाती,खीरा, शकरकंदइमे का भोग लगाकर व्रत का पारण उन्हीं पंचफलों से किया जाए तो इससे व्रत का चौगुना फल व्यक्ति को प्राप्त होता है और आध्यात्मिक उन्नति की ओर वह बढ़ता जाता है.साथ ही व्रत सफल माना जाता है.