16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sheetala Ashtami Vrat katha: आरोग्य और स्वच्छता की देवी हैं शीतला माता, यहां पढ़ें पौराणिक व्रत कथा

Sheetala Ashtami Vrat katha: शीतला देवी की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से शुरू होती है, लेकिन कुछ स्थानों पर शीतला माता की पूजा होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार अथवा गुरुवार के दिन ही की जाती है. आइए पढ़ते हैं शीतला अष्टमी की व्रत कथा…

Sheetala Ashtami Vrat katha: शीतला माता को भगवान शिव की अर्धांगिनी शक्ति का ही स्वरूप माना जाता है. शीतला माता को स्वच्छता एवं आरोग्य की देवी माना गया है. शीतला देवी की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से शुरू होती है, लेकिन कुछ स्थानों पर शीतला माता की पूजा होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार अथवा गुरुवार के दिन ही की जाती है. भगवती शीतला की पूजा का विधान भी विशिष्ट होता है. शीतलाष्टमी के एक दिन पहले उन्हें भोग लगाने के लिए बासी खाने का भोग यानि बसौड़ा तैयार कर लिया जाता है. अष्टमी के दिन बासी पदार्थ ही देवी को नैवेद्य के रूप में समर्पित किया जाता है. शीतला अष्टमी का व्रत और पूजा करने से साधक को आरोग्य होने का वरदान प्राप्त होता है. आइए पढ़ते हैं शीतला अष्टमी की व्रत कथा…

शीतला अष्टमी व्रत कथा-1

पौराणिक कथा के अनुसार, एक दिन वृद्ध महिला और उसकी दो बहुओं ने शीतला माता का व्रत रखा था. दोनों बहुओं ने व्रत के नियम अनुसार, एक दिन पहले ही माता शीतला के भोग के लिए भोजन बनाकर तैयार कर लिया. लेकिन दोनों बहुओं के बच्चे छोटे थे, इसलिए उन्होंने सोचा कि कहीं बासी खाना उनके बच्चों को नुकसान न कर जाए, इसलिए ताजा खाना बना दिया. जब वह दोनों शीतला माता की पूजा कर घर लौटीं, तो दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी. दोनों बच्चों को मृत अवस्था में देखकर दोनों बहुएं जोर-जोर से विलाप करने लगी. घटना के बाद उनकी सास ने बताया कि यह शीतला माता को नाराज करने का परिणाम है. इसपर उनकी सास ने कहा कि जब तक यह बच्चे जीवित न हो जाएं, तुम दोनों घर वापस मत आना.

माता शीतला का मिला आशीर्वाद
सास के कहने पर दोनों बहुएं अपने मृत बच्चों को लेकर इधर-उधर भटकने लगीं, तभी उन्हें एक पेड़ के नीचे दो बहनें बैठी मिलीं, जिनका नाम ओरी और शीतला था. वह दोनों बहनें गंदगी और जूं के कारण बहुत परेशान थीं. दोनों बहुओं ने उनकी सहायता करने के लिए दोनों बहनों के सिर से जुएं निकालीं. जिससे शीतला और ओरी ने प्रसन्न होकर दोनों को पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया. इसके बाद दोनों बहुओं ने अपनी सारी व्यथा उन दोनों बहनों को बताई.

दोनों बहुएं की बात सुनने के बाद शीतला माता अपने स्वरूप में प्रकट हुईं. उन्होंने बताया कि ये सब शीतला अष्टमी के दिन ताजा खाना बनाने के कारण हुआ है. दोनों बहुओं ने माता शीतला से क्षमा याचना की और आगे से ऐसा न करने के लिए कहा. माता शीतला ने प्रसन्न होकर दोनों बच्चों को पुनः जीवित कर दिया, इसके बाद दोनों बहुएं बड़ी प्रसन्नता के साथ घर लौटी और तभी से विधि-विधान पूर्वक शीतला मां की पूजा और व्रत करने लगीं.

Sheetala Ashtami 2024: शीतला अष्टमी कब है? जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

शीतला अष्टमी व्रत कथा-2

पौराणिक कथा के अनुसार, एक राजा था. राजा का एक ही बेटा था. उसे चेचक (शीतला) निकला था. उसी राज्य के एक गरीब परिवार के बेटे को भी शीतला निकली हुई थी. वह परिवार मां भगवती की पूजा करता था. गरीब परिवार ने शीतला के समय सभी नियमों का पालन किया और सबका ध्यान रखा. दूसरी ओर राजा के बेटे का रोग ठीक नहीं हो रहा था. राजा ने शतचंडी का पाठ शुरू कराया. रोज गरम स्वादिष्ट भोजन बनते थे. भुने-तले हुए भोजन और मांस भी बनाते थे. राजा का बेटा जो भी जिद करता था, वह पूरी कर दी जाती थी.

राजा के बेटे के शरीर में फोड़े हो गए…

राजा के बेटे के शरीर में फोड़े हो गए. उसमें खुजली और जलन होने लगी. जो उपाय किया जाता, उसका कोई असर नहीं होता था. शीतला माता का प्रकोप और बढ़ गया. इन सबसे राजा परेशान हो गया. वह सोचने लगा कि आखिर इतने उपाय करने के बाद भी शीतला का प्रकोप शांत क्यों नहीं हो रहा है. राजा के गुप्तचरों ने उसे बताया कि राज्य में एक गरीब परिवार के बेटे को भी शीतला निकली थीं, लेकिन वह कुछ दिनों में ही स्वस्थ हो गया था.

राजा को स्वप्न में शीतला माता ने दिया दर्शन

एक दिन राजा को स्वप्न में शीतला माता ने दर्शन दिया. राजा से कहा कि वह उसकी सेवा और पूजा से प्रसन्न हैं, लेकिन तुमने शीतला के नियमों को तोड़ा है, इस वजह से शीतला का प्रकोप शांत नहीं हो रहा है, इसके लिए तुम खाने में नमक बंद कर दो, बिना छौंक के सब्जी बनाओ, खाने में तेल का प्रयोग न करो और सभी लोग ठंडा भोजन करें. बेटे के पास किसी को मत जाने दो. तब जाकर जल्द ही तुम्हारा बेटा स्वस्थ हो जाएगा. अगले दिन से राजा शीतला माता के बताए गए नियमों का पालन करने लगा. देखते ही देखते कुछ ही दिनों में राजा का बेटा स्वस्थ हो गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें